हम शिक्षक

 कभी गुरुजी, कभी आचार्य जी

 मास्टर साहब, कभी बहन जी 

 कभी टीचर, कभी अध्यापक

 और कभी हम बने मैडम जी 


 संबोधन अलग-अलग 

 पर भाव बस एक

 उत्तरदायित्व सदैव  कठिन

 पर कार्य पावन, पुनीतऔर नेक 


 निर्माण जीवन का

परिस्थितियों का, समाज का 

  राष्ट्र का, विश्व का, 

मानव जाति का, संस्कृति का 


 शिक्षण कार्य कहाँ 

 जीविकोपार्जन का 

यह तो बस मार्ग एक

 युग पुरुषों के निर्माण का


रचयिता

सुधा गोस्वामी,
सहायक शिक्षिका,
प्रथमिक विद्यालय गौरिया खुर्द,
विकास क्षेत्र-गोसाईंगंज,
जनपद-लखनऊ।



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