अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

जिस माहौल में जननी भाव हो,

जिस परिवेश में बालक है जीता।

पुष्पित पल्लवित होता बचपन,

जिस भाषा में अभिव्यक्ति सीखा।।


शब्द पुरातन है 'मातृभाषा' 

मातृ सम समृद्ध संस्कृति बनाया।

हँसना, रोना, खाना गाना सब कुछ,

जिस भाषा ने, हमको सिखाया।।


 21 फरवरी 1952 बांग्लादेश ने, 

 भाषाई बलिदान की स्मृति मनाई।

 1999 को यूनेस्को की स्वीकृति से,

अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस गई मनाई।।


भाषाई सांस्कृतिक, विविधता और,

 बहुभाषावाद की जागरूकता लाना है।

 21 फरवरी को, विश्व में प्रतिवर्ष,

अन्तर्राष्ट्रीय मातृ दिवस मनाना है।।


रचयिता

वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,

अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,

विकास खण्ड-डोभी, 
जनपद-जौनपुर।

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