निपुण लक्ष्य की ओर
निपुण लक्ष्य की ओर, बढ़ते जा रहे हैं हम,
पढ़ते जा रहे हैं हम, पढ़ते जा रहे हम।
राष्ट्रीय फलक पर जनपद को चमकाना है।
महराजगंज को मिलकर निपुण बनाना है।
अक्षर का हथियार गढ़ते जा रहे हैं हम.......
पढ़ते जा रहे हैं हम, पढ़ते जा रहे हैं हम......
हमारा आँगन हमारे बच्चे कितने प्यारे हैं,
आँखों के तारे मन के सच्चे सबसे न्यारे हैं।
एक-एक सोपान चढ़ते जा रहे हैं हम....
पढ़ते जा रहे हैं हम, पढ़ते जा रहे हैं हम.......
जनपद का हर बच्चा गणना सीख रहा है,
अच्छे से हर बच्चा पढ़ना सीख रहा है।
ऊँची हुई उड़ान उड़ते जा रहे हैं हम...........
पढ़ते जा रहे हैं हम, पढ़ते जा रहे हैं हम......
'अभि-आशीष' की 'गौरव' की अभिलाषा है।
हम सब की कोशिश हम सब की प्रत्याशा है।
'सत्येन्द्र' की ललकार चलते जा रहे हैं हम......
पढ़ते जा रहे हैं हम, पढ़ते जा रहे हैं हम.....
रचयिता
डॉ० प्रभुनाथ गुप्त 'विवश',
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बेलवा खुर्द,
विकास खण्ड-लक्ष्मीपुर,
जनपद-महराजगंज।
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