फादर्स डे

पापा मेरे सबसे प्यारे,

वह तो मेरी आँखों के तारे।

करते मुझसे कितना प्यार,

उनसे ही है घर परिवार।।


बाहर से दिखते बहुत सख्त,

अन्दर से होते बिल्कुल मोम।

रखते घर का पूरा ध्यान,

करते पूरे सबके अरमान।।


सबकी जिम्मेदारी अपने कंधों पर रखते,

लेकिन फिर भी कभी नहीं वो थकते।

हम बच्चों के भविष्य के लिए,

वो दिन रात मेहनत करते।।


कभी चॉकलेट, कभी मिठाई,

कभी फल लाया करते।

हम बच्चों की खुशी के लिए, 

वो दिन रात दुआ करते।।


दुनिया में किसी शख्स के पास,

दौलत चाहे जितनी होती।

पर उस शख्स की पहचान,

उसके पिता से ही होती।।


रचनाकार

मृदुला वर्मा,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,

विकास खण्ड-अमरौधा,

जनपद-कानपुर देहात।

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