१६९- अनमोल रत्न श्रीराम गुप्ता (प्रधानाध्यापक)प्रा०वि० -कनकपुरावि०क्षे०-तरकुलवा जनपद-देवरियाउत्तर प्रदेश

विश्वास के प्रेरक प्रतीक श्रीराम गुप्ता देवरिया
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- देवरिया से बेसिक शिक्षा के अनमोल रत्न शिक्षक भाई श्री राम गुप्ता जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और सहयोगात्मक व्यवहार की शक्ति से शून्य की ओर गतिशील होते विद्यालय को शिक्षक कर्म की गतिविधियों की ऐसी संजीवनी बूटी समाज को पिलाई कि आज बेसिक शिक्षा के आदर्श विद्यालयों के बीच, एक ही सत्र में एक साथ इतने नामांकन करने का अद्भुत रिकार्ड अपने नाम बना दिया।
यह एक ऐसा रिकार्ड है जिसका इन्तजार प्रत्येक आदर्श कहलाने वाले विद्यालय और शिक्षक को अपने जीवन में होता है।
क्योंकि सरकार, शासन और अपनी प्रतिष्ठा की पहचान बनाते विभिन्न ngo के द्वारा बेसिक शिक्षा के विद्यालयों को नामांकन बढ़ाने की वह संजीवनी शक्ति नहीं दे सके जो आज हमारे अनमोल रत्न शिक्षक भाई/ बहन केवल अपनी सकारात्मक सोच और सहयोगात्मक व्यवहार की शक्ति से दे रहे हैं। दुर्भाग्य और दुख तब होता है जब उपयुक्त द्वारा शिक्षकों की मूल-भूत व्यवहारिक आवश्यकताओं को भी झुठला कर नाकारा साबित करके, हतोत्साहित करने के प्रयास किये जाते हैं। लेकिन इन सब चक्रव्यूह स्वरूप व्यवस्था के बीच से भी भाई श्री राम गुप्ता जी जैसे कुछ अनमोल रत्न शिक्षक साथी वह श्रेष्ठ कार्य साबित कर दिखाते हैं कि हम जैसे हजारों शिक्षकों को अनुकरणीय सीख प्राप्त होने के साथ गर्व और गौरव की अनुभूति कराते हैं।
तो आइये जानते हैं भाई श्रीराम गुप्ता जी के भगवान राम स्वरूप प्रेममयी सामाजिक आकर्षण को जिससे एक सत्र में ही विद्यालय की छात्र संख्या 82 से बढ़कर 237 हो गयी।


18 मई-2016 को हमारी पदोन्नति प्रा०वि० कनकपुरा, वि०क्षेत्र-तरकुलवा, देवरिया में प्र०अ० के पद पर हुई। यह विद्यालय पूर्व में एक आदर्श विद्यालय के रूप में स्थापित रहा,  किन्तु विगत वर्षों में उचित मार्गदर्शन न मिलने से धीरे-धीरे अपनी पहचान खो चुका था तथा विद्यालय के प्रति अभिभावकों का विश्वास टूट चुका था। जिससे वह अपने बच्चों को शिक्षित करवाने के लिए विश्वास की खोज में विद्यालय से बच्चों को हटाकर बाहर प्राइवेट विद्यालयों में भेजने लगे थे।
टूटे हुए विश्वास के बीच विद्यालय में शैक्षिक माहौल स्थापित करना बहुत बड़ी चुनौती थी।
ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद जुलाई में जब विद्यालय खुला तो बच्चे केवल रजिस्टर की शोभा बढ़ा रहे थे। बच्चों की कम उपस्थिति अत्यंत ही चिन्तनीय एवं हमारे लिए बहुत ही दुखद विषय था। क्योंकि हमारा मानना है कि एक विद्यालय तथा अध्यापक की शोभा बच्चों से ही है। यही बच्चे ही किसी विद्यालय और शिक्षक को आदर्श कहलाने की पात्रता प्रदान करते हैं।
मैंने बच्चों की उपस्थिति एवं ठहराव हेतु डोर-टू- डोर अभिभावकों तथा बच्चों से सम्पर्क किया तथा बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित कर अपने कार्यों का विश्वास दिलाया। इससे पूरा जुलाई माह बच्चों की उपस्थिति एवं ठहराव सुनिश्चित करने में बीत गया। अब चुनौती थी बच्चों की अधिगम क्षमता की। क्योंकि बच्चों की अधिगम क्षमता बिल्कुल ही निम्न श्रेणी में पहुँच रही थी।
इसके लिए सभी अध्यापकों की सहायता लेकर बेहतर शिक्षा प्रदान करने तथा शैक्षणिक माहौल स्थापित करने का कार्य शुरू किया। इसके बाद स्वतंत्रता दिवस का आयोजन बड़े ही धूमधाम से किया गया। प्रभातफेरी, झण्डारोहण, सांस्कृतिक कार्यक्रम के पश्चात मिष्ठान्न वितरण, पुरस्कार वितरण किया गया।
विद्यालय प्रबंध समिति को सक्रिय कर उसके माध्यम से अभिभावकों को जोड़ना शुरू किया गया। जिससे विद्यालय और शिक्षकों के प्रति अब थोड़ा-थोड़ा ग्रामवासियों का विश्वास बढ़ने लगा।
इसी बीच ब्लॉक स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में बच्चों को सहभाग कराया तथा बच्चों ने दो रजत तथा चार कांस्य पदक प्राप्त किया। जिससे सामाजिक विश्वास के लिए एक और मजबूत आधार प्राप्त हुआ।
विद्यालय की दैनिक गतिविधियों में समय से प्रार्थना, समय सारिणी से शिक्षण कार्य, एम०डी०एम० वितरण, फल वितरण, दूध वितरण, ड्रेस वितरण, बैग वितरण का कार्य शत प्रतिशत पूर्ण किया गया।
सत्र के अन्त में 30 मार्च-2017 को कक्षा-5 के छात्रों हेतु विदाई समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें कक्षा-1 से 5 तक प्रत्येक कक्षा के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे बच्चों तथा Best Uniform, Best Attendees और Best of School बच्चों को स्मृति चिह्न प्रदान कर पुरस्कृत किया गया।
उपरोक्त शैक्षणिक गतिविधियों के सफल आयोजन से ग्रामवासियों की विद्यालय के प्रति समस्त दुर्भावनाएं समाप्त हो गईं  तथा विद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता के प्रति बहुत ही मजबूत विश्वास हो गया। जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण ग्रामवासियों ने प्राइवेट विद्यालयों में पढ़ रहे अपने बच्चों का नामांकन  विद्यालय में करा कर दिया।
जिससे नवीन सत्र 2017-18 में 01 अपैल से 20 मई तक नामांकन का शतक पूरा हो गया तथा 31 जुलाई तक कुल नवीन नामांकन संख्या 155 हो गईं और विद्यालय की कुल नामांकन संख्या 82 से 237 हो गईं।
 
  प्राथमिक विद्यालय कनकपुरा पुनः अपने स्वरूप को स्थापित करते हुए ब्लॉक में आदर्श विद्यालय की श्रेणी में अग्रसर है।
मैं समस्त ग्रामवासियों एवं अभिभावकों का प्राथमिक विद्यालय कनकपुरा के प्रति बढ़े विश्वास के लिए हृदय से आभार प्रकट करता हूँ।
श्रीराम गुप्ता (प्रधानाध्यापक)
प्रा०वि० -कनकपुरा
वि०क्षे०-तरकुलवा
जनपद-देवरिया
उत्तर प्रदेश ।
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मित्रों आपने देखा कि किसी भी विद्यालय के आदर्श संचालन में सबसे बड़ी भूमिका अभिभावक और अध्यापक के बीच शैक्षणिक विश्वास की है। जो शायद न हमारी सरकारें समझना चाहती है, न ही शासन हो उन पर भरोसा है और न ही हमारे कुछ शिक्षक साथियों को आपसी विश्वास की शक्ति पता है। जिससे लगातार बेसिक शिक्षा में एक प्रयोगवादी नीति अपना कर अध्यापक और अभिभावक के बीच विश्वास की डोर कमजोर होती चली जा रही है।
बेसिक शिक्षा में विश्वास की शक्ति को प्रमाणित करने लिए भाई श्रीराम गुप्ता जी एवं उनके सहयोगी विद्यालय परिवार को मिशन शिक्षण संवाद की ओर उज्जवल भविष्य की कामनाओं के साथ बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ!
 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
 _आओ हम सब हाथ मिलायें।_
      _बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।_
 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
_उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का  Whatsapp No.- 9458278429 ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।_
साभार: मिशन शिक्षण संवाद उ० प्र०
 
*विमल कुमार*
_कानपुर देहात_
26/08/2017
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