एक कोशिश कर्तव्य के नाम

★ *एक कोशिश कर्तव्य के नाम*★
मित्रों किसी भी प्राणी के जीवन में संतुलन शब्द का बहुत महत्व होता है। फिर चाहे वह खान- पान का हो, जीवन शैली का हो, आय- व्यय का हो अधिकार और कर्तव्य के बीच का हो। इन सभी स्थितियों में जहाँ संतुलन बिगड़ा, वहाँ विकृति आनी स्वयं ही निश्चित हो जाती है।
ऐसा ही असंतुलन पता नहीं हमें क्यों बेसिक शिक्षा में लगातार महसूस हो रहा है। जहाँ हमने अपने अधिकारों को मजबूत बनाने की बहुत कोशिश की, जिसके परिणाम ने आज बेसिक शिक्षा के शिक्षकों के बीच  एक-दो नहीं बल्कि अनेकों शिक्षक संघों/ संगठनों ने जन्म ले लिया। जिससे आज हम सब बेसिक शिक्षा के शिक्षक अधिकारों की अतिवादता में चले गये। परिणाम क्या हुआ, वह आप सबके सामने है कि हम सब एक होकर भी एक नजर नहीं आ पाये, जिससे कर्तव्य विमुखता के साथ अधिकार शून्यता की ओर चलते गये। नतीजा यह हुआ कि आज हम सबके हाथ में न तो अधिकारों की शक्ति बची नजर आ रही है और  न ही कर्तव्य का सम्मान बचा नजर आ रहा है। कारण सिर्फ अधिकार और कर्तव्य के बीच असंतुलन की स्थिति। आज भी हम सब जितने अधिकारों की शक्ति का प्रदर्शन करना चाहते हैं उतना शायद कर्तव्य के सम्मान का नहीं।
इसी कर्तव्य के सम्मान और अधिकारों की शक्ति को संतुलित बनाये रखने के लिए मिशन शिक्षण संवाद ने कोशिश शुरू की है कर्तव्य का प्रदर्शन करने की। जिससे यह मिशन आपके कर्तव्य की आवाज आपके *उत्तर प्रदेश के 56 जनपदों सहित देश के सात प्रदेशों तक* आप सब शिक्षकों के माध्यम से लगातार पहुँचा रहा। जिससे आज हमारे शिक्षक भाई/बहन आत्म विश्वास के साथ कह सकते हैं और मिशन के विभिन्न माध्यमों को प्रमाण स्वरूप दिखा सकते हैं कि बेसिक शिक्षा के शिक्षक उस स्तर तक आगे बढ़ चुके हैं जहाँ शायद सरकार और समाज कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।
तो आइये क्या आप भी इस मिशन शिक्षण संवाद के सहयोगी बनकर, कर्तव्य की शक्ति का संतुलन बनाने में सहयोग करना चाहते हैं। तो नीचे दिये गये नम्बरों पर सम्पर्क कर सहयोगी बनें।
*★मिशन शिक्षण संवाद*★
*मिशन शिक्षण संवाद क्या?*
मिशन शिक्षण संवाद हम सब शिक्षकों को आपस में एक साथ जोड़ कर एक दूसरे के आपसी सहयोग से सकारात्मक सोच की शक्ति से बेसिक शिक्षा को नई पहचान दिलाने का प्रयास करना है।
*मिशन शिक्षण संवाद का उद्देश्य क्या है?*
शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा आपसी सहयोग से करना। जिसका एक सूत्रीय उद्देश्य है---
*“शिक्षा का उत्थान और शिक्षक का सम्मान*„
*मिशन शिक्षण संवाद के कार्य क्या है?*
मिशन शिक्षण संवाद के चार प्रमुख कार्य है।
*1- परिवेश:-*  हम सब का यथा सम्भव प्रयास होगा कि विद्यालय के परिवेश को आकर्षक और सकारात्मक ऊर्जा का केन्द्र बनाने के लिए आपसी सहयोग और जनसहयोग से सदैव प्रयासरत रहेंगे।
*2- पढ़ाई:-*  विद्यालय और शिक्षक की पहचान पढ़ाई को किसी भी परिस्थिति में प्रथम कार्य समझते हुए गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए प्रयासरत रहेंगे। क्योंकि शिक्षण ही शिक्षक का अस्तित्व होता है। इसलिए शिक्षा के उत्थान के लिए हम सब अपने प्रयास एक दूसरे से अवश्य साझा करेंगे।
*3- प्रचार:-* हम सब मिलकर एक- दूसरे के सहयोग से विद्यालय की गतिविधियों और उपलब्धियों तथा सामाजिक स्तर पर किये गये कार्यों को यथा सम्भव सम्पूर्ण समाज के बीच प्रचार और प्रसार करेंगे। जिससे समाज के बीच बन चुकी बेसिक शिक्षा एवं शिक्षक की नकारात्मक छवि को, सकारात्मक और सम्मानित छवि में बदलते हुए सामाजिक विश्वास को मजबूत कर सकेंगे। इसके लिए संकोच और शर्म छोड़ एक दूसरे के सक्रिय सहयोगी बनेंगे।
*4- पॉवर:-* उपर्युक्त कार्यों की सफलता के लिए हम सब बिना किसी पद, प्रतिष्ठा की उम्मीद के समानता के सिद्धान्त को अपनाते हुए संगठित होकर एक- दूसरे के सहयोगी बनेंगे। जो प्रत्येक जनपद में टीम भावना से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए काम करेंगे। हम सब केवल सहयोगी कहलायेंगे तथा सामूहिक रूप से संवाद परिवार कहलायेंगे। हम सब सहयोगी सर्वदलीय और निर्दलीय रूप से केवल शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के उद्देश्य पर काम करेंगे।
*मिशन शिक्षण संवाद का सहयोगी कौन बन सकता है?*
मिशन शिक्षण संवाद का सहयोगी ऐसा प्रत्येक व्यक्ति बन सकता है जो बिना किसी लोभ, लालच या स्वार्थ के, शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए सहयोगात्मक व्यवहार अपनाने के लिए स्वेच्छा से तैयार होगा।
*मिशन शिक्षण संवाद की पहचान क्या है?*
मिशन शिक्षण संवाद की पहचान उसका चिह्न है जो हम सबको संदेश देता है कि-
*आज़ाद भारत के आज़ाद परिंदे है हम ,  जो कलम की ताकत से  हम सब हाथ से हाथ मिलाकर शिक्षा का उत्थान और शिक्षक के सम्मान की नींव मजबूत करेंगे।*
*मिशन शिक्षण संवाद में सहयोगी बनने के लिए क्या करें?*
निम्नलिखित  जनपद ही मिशन शिक्षण संवाद में सहयोगी बनने के लिए शेष बचे हैं। क्या आपको लगता है कि आपका जनपद भी बेसिक शिक्षा के सकारात्मक सोच के संकल्प को आगे बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाये तो फिर देर किस बात की निम्न नम्बर पर सम्पर्क कर मिशन शिक्षण संवाद के जनपदीय सहयोगी बनें।
*मिशन शिक्षण संवाद- 9458278429, ईमेल- shikshansamvad@gmail.com*
मिशन शिक्षण संवाद के असहयोगी जनपदों की सूची:-
१- अम्बेडकर नगर
२- अमेठी
३-अमरोहा
४-बाराबंकी
५-बिजनौर
६-चंदौली
७-फैजाबाद
८-फर्रुखाबाद
९-गाजियाबाद
१०-हापुड़
११-जालौन
१२-कासगंज
१३-महोवा
१४-मेरठ
१५-प्रतापगढ़
१६-सहारनपुर
१७-संतकबीर नगर
१८-श्रावस्ती
१९-सोनभद्र
विमल कुमार
कानपुर देहात

1-फेसबुक पेज:-
@ https://m.facebook.com/shikshansamvad/
2- फेसबुक समूह:-
https://www.facebook.com/groups/118010865464649/
3- मिशन शिक्षण संवाद ब्लॉग
http://shikshansamvad.blogspot.in/
5- यू-ट्यूब
https://youtu.be/aYDqNoXTWdc

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