शिक्षा का द्वीप

       संघर्ष है शिक्षकों का,
     शिक्षा के निष्कर्षों का।
     मन में उठी तरंगों का,
      मिशन की नई उमंगों का।

हम शिक्षा का द्वीप जलाएँगे
हर जगह रोशनी फैलाएँगे।

मन में प्रज्वलित दीपों से जब,
 अंधकार में रोशनी  होगी अब।
खुशियों की लहरें आएँगी  कब,
अब हर जन होगा शिक्षित जब।

हम शिक्षा का द्वीप जलाएँगे
हर जगह रोशनी फैलाएँगे।

   ज्ञान की पतंगें जो आसमान मैं लहरायेगी
   मिशन की कोशिशें अपनी पताका फहरायेगी।
 दिनकर  की रोशनी नित्य सुबह जो आएगी
हिमकर सी जो अंधकार मैं नवीन जागृति लाएगी।

 हम शिक्षा का द्वीप जलाएँगे
हर जगह रोशनी फैलाएँगे।

सभी गुरुवरों को शत-शत नमन
जो कर रहे नवाचारी प्रयत्न।
  अज्ञानता का कर रहे दमन
अब प्रफुल्लित हो गया है मन।

 हम शिक्षा का द्वीप जलाएँगे
हर जगह रोशनी फैलाएँगे।

 मित्रता ओर प्रेम से ऐसा, बन गया जो  वातावरण
सभी बच्चों का सुंदर मन और सुंदर बनेगा आचरण।
मिशन  की कोशिशों का सभी शिक्षक प्रयत्न कर रहे
ज्ञान का विस्तार करेंगे लिया प्रण यही उमंगें भर रहे।

 हम शिक्षा का द्वीप जलाएँगे
हर जगह रोशनी फैलाएँगे।

रचयिता
सीमा नौटियाल, 
सहायक अध्यापक,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय गाड़ी,
विकास खण्ड-दशोली,
जनपद-चमोली,
उत्तराखण्ड।

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