बेसिक का यशगान

कड़ी मेहनत, अद्भुत शिद्दत
कार्य सभी का सुन्दर,
हुनर से अपने अलख जगाते
एक से एक धुरन्धर।

बच्चों में ही खो गये मानो
तन, मन, धन से जुटकर
ज़ज्बा ऐसा, लेकर निकले
कश्ती खुले समंदर

मिशन हमारा, जुनूं हमारा
बदलेंगे तस्वीर
बच्चों के द्वारा संवरेगी
भारत की तक़दीर

पुनः सभी को नमन हमारा
रहे सदा यह जोश
बेसिक का यशगान सुने जग
ऐसा हो उद्घोष

रचनाकार
प्रशान्त अग्रवाल,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय डहिया,
विकास क्षेत्र फतेहगंज पश्चिमी,
ज़िला-बरेली (उ.प्र.)

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