गर्मी की छुट्टियाँ

भोलू कहता है अपने मित्र से...
इस गर्मी की छुट्टी में अब स्कूल बंद हो जाएँगे
हम सब नाना नानी के घर फिर घूमने जाएँगे
वहाँ करेंगे खूब मजे अच्छे-अच्छे पकवान खाएँगे।

सुन ओ राजू तुम क्या करोगे ये तो बतलाओ
कुछ अपने मन की बात मुझको भी सुनाओ
राजू कहता है सुनो ! ओ भोले मेरे मित्र
जाऊँगा तो मैं भी नाना - नानी के घर

लेकिन साथ में आलम सर् के दिए गृहकार्य ले जाऊँगा
खूब करूँगा मजे मैं भी पकवान मैं भी खाऊँगा
प्रत्येक दिन का गृहकार्य करके ही खेलने जाऊँगा
शाम को पढूँगा हिंदी और रोज गणित लगाऊँगा

पढूँगा मैं तो अंग्रेजी भी और बहन से विज्ञान सीख जाऊँगा
मैं वर्ष भर के परिश्रम यूँ ही भूल न जाऊँगा
अपने अध्यापकों की मेहनत का फूल खिलाऊँगा।
कुछ भी न भूलूँगा मैं रोज सब विषय दोहराऊँगा

भोलू को भी सत्यबुद्धि आई
उसने भी फिर यही नीति अपनाई.....

रचयिता
मो0 आलम खान,
9696465144
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय बसन्तपुर,
विकास खण्ड-परसपुर,
जनपद-गोण्डा।

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