२२५~ लक्ष्मी देवी पूर्व माध्यमिक विद्यालय मनोहरपुर, सहारनपुर

🏅अनमोल रत्न🏅

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद सहारनपुर से बेसिक शिक्षा की अनमोल रत्न शिक्षिका बहन लक्ष्मी देवी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और वयवहार कुशलता से बालिका शिक्षा के आधार को मजबूत कर बालिकाओं को विद्यालय में शिक्षण के लिए आकर्षित किया।

जहाँ आज हम सब के बीच अनेकों शिक्षक भाई-बहन आर्थिक और शारीरिक रूप से सम्पन्न और सक्षम होते हुए भी वैचारिक और व्यवहारिक रूप से बेहद कमजोर नजर आते हैं। जिनके पास विद्यालय और बच्चों के लिए सिर्फ संसाधन और समस्याओं की बहुत ही सुन्दर और प्रेरक कहानी होती है जो किसी को भी यह समझाने और विश्वास दिलाने में सक्षम है कि बेसिक शिक्षा के विद्यालय में काम करने से अधिक दुर्गम कोई काम नहीं हो सकता है। इसलिए हम विद्यालय की सफलता के लिए कुछ करने में बेबस और मजबूर हैं।

वहीं हमारे अनेकों अनमोल रत्न शिक्षक भाई-बहन हैं जो जीवन और विभाग की अनेकों विषमताओं, शारीरिक और आर्थिक समस्याओं के बाबजूद अपने शिक्षक धर्म और मानवीय कर्तव्य का पालन करते हुए अपने विद्यालय को शून्य से शिखर की ओर करते हुए सामाजिक विश्वास का प्रतीक बना रहे हैं। ऐसी ही एक अनमोल रत्न बहन है लक्ष्मी देवी जी। जो जीवन की सभी विषमताओं से संघर्ष करती हुई विद्यालय और बच्चों के प्रति समर्पित हैं जो हम सब के लिए अनुकरणीय एवं प्रेरक हैं।

आइये देखते हैं बहन जी के कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-

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मेरा नाम लक्ष्मी देवी है मैं दिनांक 12.07.2011 से पूर्व माध्यमिक विद्यालय मनोहरपुर में सहायक अध्यापिका के पद पर कार्यरत हूँ। इससे पूर्व प्राथमिक विद्यालय मविकलां में प्रधानाध्यापिका के पद पर कार्यरत थी।
विद्यालय में नामांकन व ठहराव की समस्या को देखते हुए।

मैंने बालकों को क्राफ्ट और बालिकाओं को शिल्पकला की ओर आकर्षित किया। बालकों को weast material से जैसे न्यूज पेपर, colddrink के पाइप, थर्माकोल के गिलास व प्लेटस से लैम्प, झूमर फ्लावर पोट आदि। बालिकाओं को सिलाई, बुनाई सिखाना शुरु किया। परिणामस्वरुप ठहराव तो हुआ ही नामांकन भी बढा़। बालिकाओं का नामांकन ज्यादा हुआ। इतना ही नहीं कुछ अभिभावकों ने तो इतना कहा कि तुम्हारे द्वारा सिखाए सामान बनाकर हमने बाजार में बेचे हैं। गुघाल के मेले में भी हमें काफी मुनाफा हुआ है।
मेरा हमेशा यहीं प्रयास रहता है बच्चें पढ़ाई के साथ-साथ व्यवसायिक शिक्षा भी ग्रहण करें। समय पड़ने पर अपने परिवार की आर्थिक मदद कर सके। योग की शिक्षा को मैंने अन्य विषयों से जोड़कर समझाया। जैसे गणित में कोण, पर्यावरण, सामाजिक विषय व कलाकृति आदि
व्यवसायिक शिक्षा व बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए। मैंने बालिकाओं को हस्तकला में स्काउट/गाइड की गाठें से सजावट का सामान बनाना सिखाया। बुनाई कला में फैशन के अनुसार जाकेट सिखायी।









जब मैं इस विद्यालय में आयी थी। छात्र संख्या लगभग 120 थी। जो गतवर्ष 164 छात्र-छात्राओं ने इस बार परीक्षा दी थी। 45 बच्चें कक्षा-8 के जा चुके है। 41 छात्रों का नामाकंन हो गया है।
इस समय छात्र संख्या 160 है। नामाकंन जारी है। मेरे द्वारा कराये गये नवाचार चित्राकंन सहित इस प्रकार है...।

👉प्रवेश उत्सव 2018👈

कुछ इस तरह किया नयें परिन्दों का नयी कक्षा में स्वागत..
तिलक लगाकर चॉकलेट और पुरानी पुस्तकों के सैट के साथ general knowledge की पुस्तक भेंट की।
नयी कक्षा की सजावट जो मैंने स्वयं करायी।

👉मेरी कुछ उपलब्धियां👈
मुझे समय -समय पर विभाग एवं संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जाता रहा है।






बहुत-बहुत धन्यवाद बहन जी

आपके साहस और संघर्ष के लिए मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर हार्दिक नमन करते हैं।

👉 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण मानते हों और शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से शिक्षा के उत्थान एवं शिक्षक के सम्मान की रक्षा के लिए आपस में हाथ से हाथ मिला कर, मिशन शिक्षण संवाद के अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने में सहयोगी बनकर, शिक्षक स्वाभिमान की रक्षा के लिए आगे बढ़ें। हमें विश्वास है कि अगर आप सब अनमोल रत्न शिक्षक साथी हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--

👫 आओ हम सब हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।

👉🏼 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक साथी प्रेरक कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।

उपलब्धियों का विवरण, ऑडियो, वीडियो और फोटो भेजने का Whatsapp No.- 9458278429 एवं ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।

साभार: मिशन शिक्षण संवाद उ० प्र०

निवेदन:- मिशन शिक्षण संवाद की समस्त गतिविधियाँ निःशुल्क, स्वैच्छिक एवं स्वयंसेवी हैं। जहाँ हम आप सब मिलकर शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसलिए यदि कहीं कोई लोभ- लालच या पद प्रतिष्ठा की बात कर, अपना व्यापारिक हित साधने की कोशिश कर रहा हो, तो उससे सावधान रह कर टीम मिशन शिक्षण संवाद को मिशन के नम्बर-9458278429 पर अवश्य अवगत करा कर सहयोग करें।

धन्यवाद अनमोल रत्न शिक्षक साथियों🙏🙏🙏
विमल कुमार
कानपुर देहात
23/04/2018

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