गाँव की बेटी का आग्रह

बिटिया माँग रही वरदान
पापा स्कूल में हमें पढ़ने दो
चल रहा सर्व शिक्षा अभियान
पापा मेरा नाम लिखा दो।
शहर के सारे बच्चे देखो
कैसे नाम कमा रये।
हम शिक्षा के बिना अभी तक
अनपढ़ गंवार कहल रये।
पाप अब तो करो ध्यान
स्कूल में मेरा नाम लिखा दो।
सब के पापा अपनी बिटियन को
कैसे पढ़ा लिखा रये
उन्हें पायलट इंजीनियर
डॉक्टर दी एम् बना रये।
हम भी बनें उनके समान
पापा ऐसा हमें पढ़ा दो।
चल रहा........
बिना पढ़े हम नन्ही बिटियाँ
घर में ही कुम्हला रये
छोटी उमर में शादी करके
दहेज़ की बलि चढ़ा रये।
हम क्यों लगतीं बोझ समान
पाप इतना हमें बता दो।
चल रहा...............
बिना पढ़े हम पापा कैसे दुनियादारी जानेंगे
एक बार मौक़ा दो हमको
अपने दम पे परिवार चला लेंगे।
हमको भी दो विद्या का दान
पापा मेरा नाम लिखा दो।
चल रहा.........
भाई सभी जगह पर घूमे
हम पर है पाबन्दी
बिटिया सबको लगती भारी
ये कैसी सोच है गन्दी।
बेटा बेटी समझो एक समान
ऐसी अच्छी सोच बना लो।
चल रहा............
हम बनें देश की शान
पापा ऐसा हमें बना दो।
चल रहा सर्व शिक्षा अभियान।

रचयिता
जमीला खातून, 
प्रधानाध्यापक, 
बेसिक प्राथमिक पाठशाला गढधुरिया गंज,
नगर क्षेत्र मऊरानीपुर, 
जनपद-झाँसी।

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