प्यारे वेतन

प्यारे वेतन

आपके आने की अभिलाषा में ।
टकटकी लगाये हुए हैं हम
परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक ।
दूध वाले का मौन तकादा
टोकता हमें हर रोज ।
यही हाल राशन वाले का है ।
कहता नहीं कि राशन के पैसे दे दो
बल्कि कहता है कि--- तनखाह न आयी दिखे मास्साब ।
अब आप ही बताओ -- साहेब वेतन महाराज
आप क्यों हमारी परीक्षा ले रहे हो?
आप हमारे हृदय के महाराज हो और यदि आपको हमारे हृदय का चक्रवती सम्राट भी हम कहे तो यह अतिशोयक्ति न होगा ।
हम आपकी प्रजा समान है और एक राजा की भाँति आपको अपनी प्रजा की ख़ुशी के लिये हमेशा तैयार रहकर इतिहास में एक महान उदाहरण पेश करना है।

उधर बिजली के बिल पर मिलने वाली छूट भी अपनी अंतिम धड़कनों को गिन रही हैं।
हृदय का संकुचन और प्रकुंचन नये नये प्रश्न नित पूछ रहा है ।

हमारा नहीं कम से कम हमारे हृदय का तो ख्याल रखो ।
बेजुबान और नादाँ इस हृदय की पीड़ा को तो जानो हमारे हृदय सम्राट ।
दूसरी ओर कुछ  शादी समारोह भी निकट आ रहे है।
नए-नए परिधानों की भी खरीददारी करना आवश्यक सा हो रहा है शादी समारोह व्यक्ति की दिनचर्या से कुछ अलग होता है हृदय सम्राट।।
 इसलिए हृदय से आने वाली असीम भावनाओं द्वारा आप को दोनों हाथ जोड़कर सादर नमन हम कर रहे हैं कि शीघ्र अतिशीघ्र दिन हो या रात सुबह हो या शाम आप हमारे अकाउंट के दरवाजों को खोलते हुए उस में तुरंत प्रवेश कर जाओ हमारे हृदय सम्राट वेतन जी ।।
और ना जाने रोजाना कितने कितने खर्चे मिलते रोज ?
अब तो आप आ ही जाओ
ना लगाओ देर ।
आपके आने की प्रतीक्षा में ।
आपके चाहने वाले--- समस्त शिक्षक

लेखक 
प्रमोद कुमार
सहायक अध्यापक ,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय धावनी हसनपुर ,
विकास खण्ड - बिलासपुर ,
जिला - रामपुर, उत्तर प्रदेश।

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