विश्व आवाज दिवस
पशु-पक्षी, मानव की आवाज ही,
देती है उन्हें एक अलग पहचान।
दैनिक जीवन में आवाज से,
प्रदर्शित करता महत्वपूर्ण काम।।
कलात्मक आवाज के कार्य,
दिलाते समाज में अधिक मान।
गीत-संगीत में मिमिक्री से,
मिले देश विदेश में पहचान।।
प्रतिवर्ष 16 अप्रैल को,
विश्व आवाज दिवस मनाते हैं।
आवाज के स्वस्थ संचार व प्रभाव हेतु
सतर्कता की जागरूकता लाते हैं।।
पहली बार ब्राजील में 1999 में,
राष्ट्रीय आवाज दिवस रूप में शुरू हुआ।
अमेरिका 2002, हेड एंड नेक सर्जरी ने,
अधिकारिक तौर पर विश्व दिवस नाम दिया।।
चिकित्सकों, स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजिस,
गायन शिक्षकों की मिश्रित पहल है।
आवाज के महत्व, प्रोत्साहन के लिए,
बीमार आवाज के पुनर्वास का हल है।।
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
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