लिख बाबा नाम बुन डाली
लिख बाबा नाम बुन डाली,
चदरिया झींनीं रे झींनीं।
ओढ़ चदरिया महु मैं पहुँची,
पिता राम जी को शीश नवाया।
मैंने भीमा माई ओढ़ाई चदरिया झींनीं रे झींनीं।
ओढ़ चदरिया गया मैं पहुँची,
धम्म संघ की शरण में आई।
मैंने बुद्ध चरण में चढ़ाई,
चदरिया झींनीं रे झींनीं।
ओढ़ चदरिया गलियों पहुँची,
जन-जन में पीड़ा मैंने पाई।
मैंने पीड़ित जन को ओढ़ाई,
चदरिया झींनीं रे झींनीं।
ओढ़ चदरिया संसद पहुँची,
संविधान को शीश लगाया।
मैंने बाबा भीम ओढ़ाई,
चदरिया झींनीं रे झींनीं।
रचयिता
राजबाला धैर्य,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बिरिया नारायणपुर,
विकास खण्ड-क्यारा,
जनपद-बरेली।
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