सशक्त सेना झंडा दिवस

7 दिसंबर 1949 को पहली बार मनाया,

सशक्त सेना झंडा दिवस यह नाम है बतलाया।

जांबाज सिपाहियों की एकजुटता का दिन,

जिन्होंने देश के लिए जीवन लुटाया।।


दिन रात अपनी सीमा पर जो डटे हैं,

कदम कभी पीछे नहीं उनके हटे हैं।

सशस्त्र बल के कर्मियों की सहायता का प्रावधान,

देश हित के लिए सर्वस्व निछावर किए हैं।।


युद्ध के समय हुई जनहानि में हो सहयोग,

सेना के कर्मियों के कल्याण हेतु हो सहयोग।

धन संग्रह के बताए तीन प्रमुख उद्देश्य,

सेवानिवृत्त कर्मियों के परिवार कल्याण हेतु हो सहयोग।।


सेना का प्रकट करना है हमें आभार,

प्रेषित करना हमें अपना सम्मान अपार।

हम सुरक्षित हैं क्योंकि सरहद पर हैं जवान,

दिन प्रतिदिन कर रहे सीमाओं का विस्तार।।


तीन रंग का झंडा बाँटकर किया दिवस का आगाज,

तीन रंग लाल, गहरा नीला और हल्का नीला सजा है आज।

तीनों सेनाओं का रूप यह रंग हमें दर्शाते,

देश, देशवासियों की रक्षा हमारी सेना का काज।।


रचयिता
नम्रता श्रीवास्तव,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।

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