अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस

प्रत्येक दिवस का है अपना अलग महत्व,

3 दिसंबर को मनायें अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस।

संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने इसे घोषित किया,

1981 में किया घोषित अंतर्राष्ट्रीय दिवस।।


दिव्यांगों को बनाना है स्वाबलंबी,

दूर करनी है उनकी अपनी कमी।

व्यवहार में उनके बदलाव है लाना,

ताकि आँखों में ना रहे कोई कमी।।


समानता के अवसर उनको है दिलाना,

गहन विचार-विमर्श हमको ही करना।

स्वास्थ्य, सामाजिक, आर्थिक स्थिति में हो सुधार,

दिव्यांगों का उत्थान अब थीम है बनाना।।


"समावेशी सुलभ अनुकूल माहौल हो" ये है थीम,

जरूरतें उनकी पूरी हों, रहे ना कोई टीस।

उनका जीवन बोझ नहीं है धरा पर,

नहीं दिखानी है अब हमें कोई खीझ।।


शारीरिक अक्षमता को अनदेखा है करना,

भेदभाव की  ना रहे कोई संभावना।

वैज्ञानिक हाकिंस थे स्वाबलंबन का उदाहरण,

विकलांगों की भागीदारी को सक्रिय है करना।।


रचयिता
नम्रता श्रीवास्तव,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।

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