शिक्षा और शिक्षक के नाम

जहाँ कहीं भी भरा तमिस हो,
विघ्नों का हर एक निमिष हो।
शुभ्र  ज्ञान का  दीप जलाकर,
हर पथ  कर दें हम उजियारा।
 नित्य नवल अँचल अँचल पर
 बहे सृजन की अभिनव धारा।
      हर पथ हर घर हो उजियारा।
      यही तो शाश्वत लक्ष्य हमारा।

नित प्रति  होवे धवल सबेरा,
विघटित हो तम भय का घेरा।
प्रचलित पथ अवरोध मिटाने,
जीवन विकसित बोध जगाने।
जन जागृति है संकल्प हमारा,
भारत जनगण साध्य सहारा।
     स्वप्न भाव का झिलमिल तारा,
     यही तो शाश्वत लक्ष्य हमारा।

शिक्षक प्रहरी संस्कृति संवाहक,
ज्ञान बोध का तपसी आराधक।
मानस भ्रम सब मिटते जिससे,
परिवर्तन का रथ चलता उससे।
क्रान्ति विचार समाहित अन्तर,
रीति नीति नव प्रेरक जीवन भर।
    आओ मिल तोड़ें तम की कारा
     यही तो शाश्वत लक्ष्य हमारा।

रचयिता
सतीश चन्द्र "सौमित्र"
प्रभारी अध्यापक,
उच्च प्राथमिक विद्यालय अकबापुर,
विकास क्षेत्र-पहला, 
जनपद -सीतापुर।

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