टोकरी में क्या है

अदिति बोली नानी से, टोकरी में क्या है?
है  मिठाई    टोकरी  में   या  कोई फल है?
बोलीं नानी तब मुस्काकर, इसमें कोई फल है।
जल्दी बोलो मेरी प्यारी, फल का रंग पीला है।
अदिति बोली, सुन नानी मेरी फिर ये  फल आम का है,
बोलो बोलो प्यारी नानी क्या अनुमान मेरा सच है?
बोली नानी, ना ना मेरी रामदुलारी ये फल नहीं आम का,
थोड़ा और अनुमान लगाओ, ये फल हो सकता  है कौन सा?
अदिति बोली नानी मेरी  एक बात और बतला दे,
ये कोई पौधे का या फल है किसी पेड़ का?
नानी बोलीं अदिति से, सुन  मेरे दिल का टुकड़ा,
बतलाऊँ मैं तुमको, ये फल है किसी पेड़ का।
सुन नानी मेरी फिर बात है मेरी पक्की,
ये  हो  सकती है  फिर  गोल-गोल नारंगी।
बोलीं हँसकर नानी जी तब, ना ना मेरी लाडो,
थोड़ा और सोचो तुम और अनुमान लगाओ।
पड़ी सोच में अदिति बिटिया, नानी से एक और प्रश्न है पूछा,
अच्छा नानी ये बतलाओ ये फल खट्टा है या मीठा?
तब नानी बोलीं अदिति से सुन तू मेरी  गुड़िया,
फल ये नहीं है मीठा-मीठा, फल है ये बहुत ही खट्टा।
हँसकर बोली अदिति, नानी मेरी एक प्रश्न पूछूँ मैं अन्तिम बार,
ये फल है जो टोकरी में, आता है किस काम?
हँसकर बोली नानी तब, सुन अदिति मेरी एक बात,
इस फल से  बनता  है शर्बत और अचार।
उछल पड़ी तब अदिति बिटिया, बोली नानी से यह बात,
टोकरी में  नींबू हैं, पक्की है ये  मेरी बात।
गले लगाकर अदिति को नानी बोलीं यह बात,
अनुमान तुम्हारा सही है बिटिया,तुम हो बडी होशियार।

रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।

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