हे राष्ट्र भारत-भू नमन

भावुक हृदय के भाव

हे राष्ट्र भारत-भू नमन
उर से नमन शत-शत नमन

त्याग की पावन धरा तुम
सत्य का एक पर्व हो
तुम हमारी प्रेरणा हो
तुम हमारा गर्व हो

भाव करुणा से भरे
शान्ति का सन्देश हो तुम
स्वाभिमानी सिर तने
वीरता का शौर्य हो तुम

तुम मधुर संगीत भूमि
प्रेम जिसमें दिव्यतम
तुम हितैषी सर्वजन की
शरण तुम अनन्यतम

साधना की भू चिरन्तन
भावना का बोध हो
तुच्छ सब जगत का वैभव
जब तुम्हारा शोध हो

हम तुम्हारे वत्स हैं
तुम माँ परम करुणामयी
इस हृदय में उठ रही है
भावना श्रद्धा-भरी

शीश ऊँचा मुख समुज्ज्वल
कान्ति गौरव की सदा
हे प्रभु यह भू रहे नित
ज्ञान-भक्ति-मोक्षदा

रचनाकार
प्रशान्त अग्रवाल,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय डहिया,
विकास क्षेत्र फतेहगंज पश्चिमी,
ज़िला-बरेली (उ.प्र.)

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