प्रधानाध्यापिका ने विद्यालय परिसर को साफ सुथरा करने का बीड़ा, इबादत के साथ हो रही हरियाली की हिफाजत

इबादत के साथ हो रही हरियाली की हिफाजत


जागरण संवाददाता, फतेहपुर: पाक रमजान माह में पांच वक्त की नमाज अता करने के बाद हरियाली की फिक्र। तीस दिनों का रोजा रहने वाली आशिया फारुकी अल्लाह की इबादत में भी कोई समझौता नहीं करती। भोर पहर ढाई बजे से साढ़े तीन बजे तक सहरी का हिस्सा बनती हैं तो सुबह चार बजे फजिर की नमाज भी अता करती हैं। वहीं पौने पांच बजे योगा अभ्यास वर्ग में भाग लेकर सात बजे विद्यालय पहुंच जाती हैं। यहां पर तैयार बागवानी की देखभाल व सिंचाई का कार्य स्वयं करती हैं। कभी वीरान सा दिखने वाला स्कूल परिसर अब हरियाली से भर गया है। इतना ही नहीं विद्यालय परिसर में ही सब्जी-भाजी की भी खेती करवाती हैं। स्कूल की बागवानी में तैयार आलू, प्याज, मूली, टमाटर, चुकंदर, बैंगन आदि सब्जियों का ही इस्तेमाल बच्चे के लिए बनने वाले भोजन में करवाती हैं। मन में दृढ़ इच्छाशक्ति व कुछ कर गुजरने का माद्दा हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है। नगर क्षेत्र के अस्ती प्राथमिक विद्यालय परिसर में हरियाली का तो कहीं नामोनिशान नहीं था, वहीं विद्यालय का परिसर व आसपास का क्षेत्र का इतना गंदा था कि अध्यापन कार्य भी कोई शिक्षक मन से नहीं कर पाता था। सभी एक-दूसरे पर तोहमत मढ़ते ही अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर लेते थे। ऐसे में विद्यालय परिवेश को साफ सुथरा करने के साथ पूरे परिसर को हरियाली से भरने का बीड़ा उठाया प्रधानाध्यापिका आशिया फारुकी ने। शुरुआत में उन्हें बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा, लोग फब्तियां भी कसते हुए यह कहते रहे कि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता। बावजूद इसके उनके पैर कभी नहीं डगमगाए और एकल विद्यालय में अपने दम पर विद्यालय परिसर को तो हरियाली से भर ही दिया, साथ ही शैक्षणिक कार्य भी पूर्ण मनायोग से किया, जिसका परिणाम रहा कि दो वर्ष में ही विद्यालय परिसर हरियाली से भर गया। वर्ष 2016 में विद्यालय में प्रधानाध्यापिका के पद पर कार्यभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने विद्यालय परिसर को साफ सुथरा करने का बीड़ा उठाया।
साभारः- दैनिक जागरण
 

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