सौर परिवार

मुखिया सौरमंडल का
सूरज सबसे न्यारा
इस पर खुद की रोशनी
इसीलिए यह तारा

पिण्ड करें जो परिक्रमा
सूरज की दिन-रात
कहते हम उनको ग्रह
उनकी संख्या आठ

सूरज के सबसे निकट
दिखता बड़ा प्यारा
बुध ही सबसे छोटा ग्रह
रंग साँवला-भूरा

इसके बाद शुक्र ग्रह
सुन्दर प्यारा चमक वाला
इसे भोर का तारा कहते
रंग है सलेटी-काला

इसके बाद पृथ्वी अपनी
जिस पर हम सब रहते
केवल इस पर जीवन है
नीला ग्रह भी कहते

चौथा ग्रह मंगल है
लाल ग्रह कहलाता
मंगल पर ही सबसे ऊँचा
पर्वत पाया जाता

फिर आता है बृहस्पति
विशालतम है काया
इसीलिए गुरु नाम भी
रंग गुलाबी पाया

इसके बाद शनि का नंबर
सबसे ज़्यादा उपग्रह वाला
वलयों से यह घिरा हुआ है
रंग लाल व काला

नीला अरुण, सलेटी वरुण
सूरज से अति-दूर
फिर भी रहकर अनुशासन में
चक्कर लेते पूर

पिण्ड लगाते ग्रह का चक्कर
वे उपग्रह कहलाते
जैसे अपनी पृथ्वी को
चंदा मामा दमकाते

सूरज और ग्रह-उपग्रह
का विशाल संसार
कहते हैं विज्ञान-जगत में
इसे सौर परिवार

ऐसे अनगिन परिवारों से
बनी आकाशगंगा
और अनगिनत गंगाओं से
यह ब्रह्माण्ड है रंगा

रचनाकार
प्रशान्त अग्रवाल,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय डहिया,
विकास क्षेत्र फतेहगंज पश्चिमी,
ज़िला-बरेली (उ.प्र.)

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