गर्मी आई

गर्मी आई, गर्मी आई,
संग में तेज धूप है लाई।

सूरज दादा खूब गरम,
लू चलती है खूब गरम।

बाहर जाना पानी पीकर,
बदन ढांक कर, छाता लेकर।

शबरत पीना, ककड़ी खाना,
चाट पकौड़ी न, न, न।

शिक्षक ने गृहकार्य दिया है,
पढ़ने का वायदा लिया है।

पर-
नानी के घर जाना है,
छुट्टी वहीं मनाना है।

रचयिता
राजकुमार शर्मा,
प्रधानाध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय चित्रवार,
विकास खण्ड-मऊ,
जनपद-चित्रकूट।

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