माँ कैसे हिम्मत कर पाएगी

जब बच्चियाँ न घर और न ही बाहर सुरक्षित रह पाएगी,
बच्चियाँ पैदा करने की हिम्मत एक माँ कैसे कर पाएगी ??
जब दुधमुँही एक बच्ची उसके बगल से उठा ली जाएगी,
और दूर कहीं दरिन्दे से कुचला हुआ उसे सुबह वह पाएगी।
कब तक न ममता सहमेगी क्यूँ न उसकी रूह चिल्लाएगी,
बच्चियाँ पैदा करने की हिम्मत एक माँ कैसे कर पाएगी ??
जब छ: साल कि एक बच्ची शादी से गुम हो जाएगी,
और सुबह उसे पास जंगल में बिखरा हुआ वह पाएगी |
किस तरह से आँचल में फ़िर बिटिया समेट कर लाएगी,
बच्चियाँ पैदा करने की हिम्मत एक माँ कैसे कर पाएगी ??
जब सोलह बरस की एक बच्ची किसी रिश्तेदारी में आएगी,
और खून से लथपथ घर के ही पिछवाड़े फेंक दी जाएगी|
कैसे फिर कोई माँ अपनी परियाँ सम्भाल रख पाएगी, 
बच्चियाँ पैदा करने की हिम्मत एक माँ कैसे कर पाएगी ?
पास-पड़ोस, रिश्ते-नाते क्या कोई जगह उसे भाएगी,
क्यूँ न पर्दा ढकवाएगी कब तक न स्कूल छुटवाएगी |
भरोसे की परिभाषा बेटी को आखिर क्या सिखलाएगी,
बच्चियाँ पैदा करने की हिम्मत एक माँ कैसे कर पाएगी ??

रचयिता
मनीषा जैन,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय पंचमपुरा,
जनपद-ललितपुर।

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