अच्छे बच्चे

अच्छे बच्चे तुम कहलाओ,
मेहनत करके जग में छा जाओ,
बच्चों प्यारे रोज नहाओ,
बीमारी को दूर भगाओ,
मंजन करके कुल्ला करलो,
कुल्ला करके खाना खाना खाओ,
अच्छे.......................

उठो समय से स्कूल जाओ,
सदा बड़ों को शीष नवाओ
धुले हुए कपडे़ पहने तुम,
ना किसी की कोई चीज चुराओ,
अच्छे .................

रोजाना तुम स्कूल जाओ,
नित नये नये उपहार पाओ
तुम हो कल के नये सितारे,
खूब पढो़ और खूब पढा़ओ
अच्छे बच्चे..................

माता पिता की शान बढ़ाओ,
ना ही किसी से लड़ो लड़ाओ,
बनकर अच्छे दोस्त रहो तुम,
याद करें सब वो सितारा बन जाओ
अच्छे बच्चे तुम कहलाओ,
मेहनत करके जग में छा जाओ.

रचयिता
भुवन प्रकाश,
सहायक अध्यापक,
पिपरी नवीन,
विकास खण्ड-मिस्रिख,
जनपद-सीतापुर।

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