१९५- गीता ज्ञानी PS झुण्डपुरा, बिसरख, गौतमबुद्धनगर

⭐️🏅अनमोल रत्न🏅⭐️



मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से बेसिक शिक्षा की अनमोल रत्न बहन गीता ज्ञानी जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और मेहनत से उन पंक्तियों के अर्थ को प्रमाणित कर दिया। जिसमें हमारे श्रेष्ठजन कहते हैं कि *कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है।

आज समाज में ऐसे बहुत से लोग देखने को मिलते जो बहुत ही उच्च प्रतिष्ठा और सम्मान रखते हैं। लेकिन कुछ लोग उस प्रतिष्ठा और सम्मान का उपयोग सामाजिक उत्थान में भी करते हैं और कुछ लोग अपनी नकारात्मक सोच के साथ, केवल व्यक्तिगत हित और स्वार्थ के लिए करते हैं। वह सोचते है कि हमें क्या करना है? हमारी नौकरी तो हो रही है हमें वेतन मिल रहा है। यह काम तो सरकार है।
लेकिन हम सबके बीच बहन गीता ज्ञानी जी जैसे शिक्षक बहन/ भाई भी हैं। जो अपने विद्यालय को भी अपने जीवन की श्रेष्ठता में शामिल रखते हैं। जिसके उत्थान के लिए अपने घर और परिवार के समान सतत प्रयासरत रहते हैं। जिसका परिणाम होता है, एक आदर्श और सुसज्जित, हम सबके लिए प्रेरक विद्यालय।

आइए देखते हैं बहन जी के वह प्रयास जिससे उन्होंने सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से अपने विद्यालय को संसाधन युक्त और प्रेरक बना दिया।


मैं गीता ज्ञानी, प्राथमिक विद्यालय झुण्डपुरा, ब्लॉक-बिसरख, जिला-गौतम बुद्ध नगर में प्रधानाध्यापिका के पद पर कार्यरत हूँ। इस विद्यालय में मैंने 19 जनवरी-2015 में कार्यभार ग्रहण किया। उस समय विद्यालय में मैंने कई सुविधाओं का अभाव देखा, जैसे-

👉1.शौचालयों मे पानी की व्यवस्था न होना, शौचालयों की स्थिति ठीक न होना व अलग से बालक-बालिका शौचालय न होना।
👉2. दो कक्षा-कक्षों की स्थिति खराब होना, जिसकी वजह से पाँचों कक्षाओं के बच्चों को तीन कक्षा-कक्षों में ही घुसा-घुसाकर बैठाना पड़ता था व पढ़ाई भी सुचारू रूप से नहीं हो पा रही थी।
👉3.खिड़कियों के दरवाजों पर शीशे न होना, जिसके कारण सर्दियों में बच्चों को ठंडी हवा से बचाने के लिए पुरानी चटाईयों से खिड़कियों को ढका जाता था।
👉4.विद्यार्थियों के लिए फर्नीचर का अभाव व कक्षाओं में सामान रखने के लिए अलमारी आदि न होना।
👉5.विद्यालय के फर्श में गढ्ढे होने के कारण बरसात का पानी विद्यालय भवन की नींव में चला जाता था।
👉6.विद्यालय के बाहर का नाला ढका हुआ न होना, जिसकी वजह से लोग उसमें कूड़ा आदि डालते थे व बच्चों के गिरने का भी खतरा था।

इन सभी समस्याओं को मैंने चुनौती के रूप में लिया। सर्वप्रथम मैंने रोटरी क्लब नोएडा के सदस्यों को बुलाकर सारी स्थिति से अवगत कराया तथा कक्षाओं की मरम्मत व शौचालयों में पानी की व्यवस्था हेतु निवेदन किया।
अतः मई-2015 में रोटरी क्लब द्वारा शौचालयों में पानी की व्यवस्था हेतु पाइप व नल की फिटिंग, छत पर टंकी व मोटर आदि लगवाई गई तथा दो कक्षाओं की मरम्मत कराई गई। इन दोनों कक्षाओं में बिजली फिटिंग मैंने स्वयं कराई।

नवंबर-2015 में मैंने पुनः रोटरी क्लब के सदस्यों से अनुरोध किया कि खिड़कियों के दरवाजों पर काँच के स्थान पर सफेद प्लास्टिक शीट लगवा दें ताकि सर्दियों मे ठंडी हवा से बचाव हो तथा बच्चे उन्हें तोड़ भी न सके। क्लब द्वारा यह कार्य भी करा दिया गया। एक अन्य संस्था से मेरे द्वारा निवेदन किए जाने पर सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के बैठने के लिए बैंच मेज व लोहे की दो अलमारियां विद्यालय को दी गई।

बच्चों में अलग-अलग प्रकार की किताबें पढने की रूचि जाग्रत करने के लिए कई वर्षों से बंद पड़ी किचन को मैंने लाइब्रेरी बनाया। मेरे निवेदन करने पर इनरव्हील संस्था द्वारा इसमें लकड़ी की छोटी अलमारियां बनवाई गई व किताबें भी दी गई।

फर्श के गढ्ढे आदि भर जाये व नया फर्श बन जाये, इसके लिए मैंने स्वयं प्रयास किए। इसके लिए ग्राम प्रधान व नोएडा अथॉरिटी से सम्पर्क किया। बार-बार अथॉरिटी से सम्पर्क के परिणाम स्वरूप मार्च-2016 में नोएडा अथॉरिटी द्वारा मजबूत विद्यालय प्रांगण बनाया गया। मेरे पुनः निवेदन करने पर अथॉरिटी द्वारा विद्यालय के बाहर नाले को भी ढकवा दिया गया। मजबूत फर्श बन जाने से अब बरसात का पानी भी विद्यालय भवन की नींव में नहीं जा पाता।

रोटरी क्लब, नोएडा ने मेरे निवेदन पर तीन लोहे की अलमारियां विद्यालय को दीं व जून-2016 में प्रथक बालक शौचालय बनवाया तथा सभी शौचालयों मे टाइल व फ्लश टैंक लगवाए। अब विद्यालय में स्टाफ, बालक-बालिका हेतु अलग-अलग शौचालय हैं। कई बच्चे एक साथ हाथ धो सके इसके लिए बड़ा वाशबेसिन भी संस्था द्वारा लगवाया गया।

दिसम्बर-2016 से नन्ही कली फाउंडेशन द्वारा विद्यालय की छात्राओं को स्कूल समय के बाद मुफ्त ट्यूशन पढाने की भी व्यवस्था है। संस्था द्वारा छात्राओं को बैग, किताब, कापी, जूते, मोजे भी दिये जाते हैं।

मेरे प्रयास करने पर फोस्टर एंड फोर्ज संस्था से विद्यालय को 14 टैबलेट प्राप्त हुए हैं। टैबलेट से बच्चों को विज्ञान, गणित व अंग्रेजी विषय पढ़ाये जाते हैं तथा मई 2017 मे ग्लोबल हंट फाउंडेशन द्वारा एक कक्षा कक्ष की मरम्मत करवाकर पाँच कम्प्यूटर, पाँच कम्प्यूटर टेबल, व दस कुर्सियां भी विद्यालय को प्राप्त हुई। कम्प्यूटर शिक्षण के लिए शिक्षक भी संस्था द्वारा नियुक्त किया गया है। अब विद्यालय में कम्प्यूटर शिक्षा भी बच्चों को दी जाती है।

टैबलेट व कम्प्यूटर शिक्षा के कारण छात्र संख्या भी बढ़ी है व दैनिक उपस्थिति मे भी सुधार हुआ है।

रोटरी क्लब, नोएडा से पुनः अनुरोध करने पर जून-2017 में अच्छी क्वालिटी की बैंच-मेज, लकड़ी के स्टूल, टीचर टेबल विद्यालय को प्राप्त हुए। सभी कक्षाओं के लिए डिस्प्ले बोर्ड व तीन कक्षाओं के फर्श पर टाइल भी संस्था द्वारा लगवाये गये हैं।

मेरे विद्यालय में अधिकांश बच्चे गरीब परिवारों से हैं। अतः पिछले दो वर्षों से विभिन्न संस्थाओं से सम्पर्क कर स्वेटर, कंबल, जूट बैग, मच्छरदानी, स्टेशनरी का सामन आदि भी मैंने स्कूल के बच्चों में वितरित कराया है।

हमारे विद्यालय की शिक्षिकायें अपनी शिक्षण पद्धति को और अच्छा कर सके इसके लिए विद्यालय में ही टीचिंग एक्सपर्ट द्वारा वर्कशाप का आयोजन कराती हूँ।इस वर्कशाप में शिक्षण व बच्चों से सम्बंधित समस्याओं को लेकर उसके निराकरण के उपाय बताए जाते हैं।

इन सभी कार्यों की विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों व ग्राम प्रधान द्वारा भी प्रशंसा की गई है तथा झुण्डपुरा गाँव के लोगों में भी विद्यालय की अच्छी छवि का निर्माण हुआ है।
🙏🏻धन्यवाद🙏🏻

👉 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से शिक्षा के उत्थान एवं शिक्षक के सम्मान की रक्षा के लिए आपस में हाथ से हाथ मिला कर, मिशन शिक्षण संवाद के अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनकर, शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप सब अनमोल रत्न शिक्षक साथी हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--

👫 आओ हम सब हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।

👉🏼 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक साथी प्रेरक कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।

उपलब्धियों का विवरण, ऑडियो, वीडियो और फोटो भेजने का Whatsapp No.- 9458278429 एवं ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।

साभार: मिशन शिक्षण संवाद उ० प्र०

निवेदन:- मिशन शिक्षण संवाद की समस्त गतिविधियाँ निःशुल्क, स्वैच्छिक एवं स्वयंसेवी हैं। जहाँ हम आप सब मिलकर शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसलिए यदि कहीं कोई लोभ- लालच या पद प्रतिष्ठा की बात कर, अपना व्यापारिक हित साधने की कोशिश कर रहा हो, तो उससे सावधान रह कर टीम मिशन शिक्षण संवाद को मिशन के नम्बर-9458278429 पर अवश्य अवगत करा कर सहयोग करें।

धन्यवाद अनमोल रत्न शिक्षक साथियों🙏🙏🙏
विमल कुमार
कानपुर देहात
06/02/2018

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