बड़ी कक्षा के बच्चों से एक संवाद


शिक्षक : बच्चों, आप लोग बच्चे ही हो या बड़े हो गये?
बच्चे (उत्साह से) : बड़े हो गये।
शिक्षक : बड़े होने पर ताक़त बढ़ गयी या कम हुई?
बच्चे : बढ़ गयी।
शिक्षक : ज्यादा ताकत मिलने पर जिम्मेदारी घटती है या बढ़ती है?
बच्चे : बढ़ती है।

शिक्षक : तो प्यारे बच्चों, अब तुम्हारी जिम्मेदारी भी बढ़ गयी है।

1. तुम पर छोटे बच्चों का ध्यान रखने की जिम्मेदारी आ गयी है।

2. अब तुम्हें कुछ भी ऐसा नहीं करना है जिसे देखकर छोटे बच्चे  गलत बात सीखें।

3. ज्यादा जिम्मेदारी मतलब, अब तुम्हें अपनी भलाई खुद भी सोचना है। इतनी समझदारी से काम करो कि हमें तुम्हें टोकने की ज़रुरत ही न पढ़े।

4. जिम्मेदारी बढ़ गयी मतलब, अब तुम समय बेकार में नहीं गँवाओगे।

5. ताक़त बढ़ी, जिम्मेदारी बढ़ी का मतलब, अब तुम डिब्बा नहीं, इंजन हो गये। अब तुम्हें धक्का नहीं मारना, तुम खुद चलोगे और अन्य बच्चों को भी सही दिशा में खींचोगे।

6.....

7......

अब बताओ :

1. ताक़तवर हो या कमज़ोर हो?
बच्चे : ताक़तवर
2. इंजन हो या डिब्बा?
बच्चे : इंजन
3. धक्का मारना पड़ेगा या खुद चलोगे?
बच्चे : खुद चलेंगे।
4. कहना पड़ेगा या खुद पढ़ोगे?
बच्चे : खुद पढ़ेंगे।
5. केवल खुद चलोगे या औरों को भी खींच लोगे?
बच्चे : औरो को भी खींचेंगे?
6. केवल बोलोगे या करोगे?
बच्चे : करेंगे।
7. पक्का?
बच्चे : पक्का।
8. बिलकुल पक्का?
बच्चे : बिलकुल पक्का।

(नारा गूंजा)
काम करेंगे पूरा पक्का
नहीं रहेगा कोई कच्चा
कसम हमें ईमान से
जुट जायें जी-जान से

लेखक
प्रशांत अग्रवाल,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय डहिया,

विकास क्षेत्र फतेहगंज पश्चिमी,

जिला बरेली (उ.प्र.)।

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