पढ़ेगा भारत तभी तो बढ़ेगा भारत

हम  विद्यालय  जाएँगें,
बच्चों  को खूब पढ़ाएँगे। 
   
 हम बच्चों के  भाग्य  विधाता  हैं
 हम बच्चों के भविष्य निर्माता हैं।

हम उनका भविष्य बनाएँगे, 
बच्चों को खूब पढ़ाएँगे।

 पढेगा भारत तभी तो बढ़ेगा भारत,
बेसिक शिक्षा का  मान  बढ़ेगा,
 तभी तो  शिक्षा का  दीप  जलेगा,

हम  ये  दीप  जलाएँगे, 
बच्चों को खूब पढ़ाएँगे।

ये प्यारे-प्यारे  बच्चे  हैं,
मन  के  सारे  सच्चे  हैं,

हम सच्चाई के मार्ग दिखाएँगे,
बच्चों को खूब पढ़ाएँगे।

हम उनको  प्यार  करते,
वो हमको  सम्मान  देते हैं,

वो दुनिया में  सम्मान  दिलाएँगे ,
बच्चों  को  खूब पढ़ाएँगे। 

ये  भारत के  भविष्य  है,
हम  उनका भविष्य सजाएँगे,

हम ये सपना साकार बनाएँगे,
बच्चों  को खूब पढ़ाएँगे।

रचयिता
बिधु सिंह, 
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गढी़ चौखण्ड़ी, 
विकास खण्ड-बिसरख,               
जनपद-गौतमबुद्धनगर।

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