हरतालिका तीज
प्रकृति ने ओढ़ी धानी चुनर
रिमझिम-रिमझिम बारिश आयी
सभी के मन को हर्षाने
त्योहारों की ऋतु आयी।।
सुहागनों ने रचाई मेहंदी
और सोलह श्रृंगार किया
अखण्ड सौभाग्य प्राप्ति के लिए
हरतालिका तीज का संकल्प लिया।।
घर, मन्दिर को सजा कर
निर्जला व्रत प्रारंभ किया
सखियों संग मंगल गीत गाकर
शिव गौरी माँ का पूजन किया।।
प्रियवर मिले हर जन्म यही
सुखमय मेरा संसार रहे
बिंदिया सदा दमके माथे पर
माँ सदा तेरा आशीर्वाद रहे।।
रचनाकार
मृदुला वर्मा,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,
विकास खण्ड-अमरौधा,
जनपद-कानपुर देहात।
Comments
Post a Comment