१७३-जनप्रतिनिधियों के सहयोग से बेसिक शिक्षा शिखर की ओर, PS & UPS जोरई, भदोही

★जनप्रतिनिधियों के सहयोग से बेसिक शिक्षा चली शिखर की ओर★


मित्रो आज मिशन शिक्षण संवाद भदोही की टीम जनपद के ps व ups जोरई के विद्यालय के बारे में जानने के बाद उस विद्यालय पर गयी।
सर्वप्रथम हम विद्यालय के सामने पहुँचे तो पता लगा अगले गेट से जाना है, अगले गेट पर पहुँचे तो लगा कि यह भी मुख्य गेट की ही कॉपी है। जैसे ही अंदर दाखिल हुए ये लगने लगा कि हम एक ऐसे विद्यालय में आ गए हैं जो निश्चित रूप से प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों में से एक है।  जितने कमरे है सभी में टाइल्स, बाहर चबूतरे पर मार्बल, हर कमरा पुट्ठी के बाद पेंट से सुसज्जित, हर कमरे में बच्चों के बैठने हेतु डेस्क- बेंच, पूरा प्रांगण इंटरलॉकिंग, 4 अलग- अलग शौचालय एक बालक एक बालिका, एक-एक स्टाफ (महिला / पुरुष अलग-अलग) के लिए व एक गेस्ट के लिए जिसमें एक अच्छे शावर से सुसज्जित एक बाथरूम भी है सभी मार्वल से सुसज्जित।
विद्यालय में अंडरग्राउंड पाइपलाइन के साथ सबमर्सिबल पम्प , wifi , cctv, के साथ ही पास यूपीएस के लिए आधुनिक व सुसज्जित आफिस। हर कमरे में साउंड। इन समस्त सुविधाओं  को देखने के बाद लगा यदि “जहाँ चाह, वहाँ राह” मिल ही जाती है। वहाँ चूंकि हम विद्यालय समय के बाद पहुँचे थे। अतः स्टाफ नहीं था पर ग्राम प्रधान जी और विद्यालय की देख-रेख करने वाले रसोईयां, आदि थे।
उक्त कार्य के बारे में हमने ग्राम प्रधान जी से पूछा आज आपने जिस श्रेणी का विद्यालय बनाया है वह निश्चित रूप से प्रदेश स्तरीय है, इसे यह रूप देने का आइडिया कहाँ से आया?
इसपर उन्होंने बताया कि   पारिवारिक स्थिति के चलते मैं 10th के बाद नही पढ़ पाया था। परन्तु शिक्षा के प्रति लगन के चलते जब भी मौका मिलता विद्यालय के लिए कुछ करता था। कालान्तर में प्रधान बनने के बाद जब आदरणीय dm साहब द्वारा विद्यालय पर व्यय करने की छूट मिली तो मेरी एक ही भावना हुई कि आजादी के बाद से ही ग्रामसभा में कार्य होता रहा है पर अब मैं कम से कम 2 साल का बजट विद्यालय पर खर्च करूंगा,
इस बारे में उन्होंने बताया कि एक बार Dm साहब ग्राम पंचायत अधिकारियों की मीटिंग में लीक से हटकर विद्यालयों पर व्यय करने की के बारे में कहा यदि प्रधान तैयार हो तो आप व्यय कर सकते हैं। इसके तत्काल बाद ग्राम पंचायत अधिकारी ने मुझे फोन किया मैने  तत्काल सहमति प्रदान कर दी।
Dm साहब को सेक्रेटरी ने जैसे ही बताया, उन्होंने तत्काल मुझे  बुलवाया और कहा कितना भी व्यय करो छूट है लेकिन अतिरिक्त धन नही दिया जाएगा,
इसपर प्रधान ने कहा महोदय यदि मेरे पास बजट काम हुआ तो चंदा लूंगा।
उन्होंने बताया कि विद्यालय में cctv कैमरा चंदे की रकम  से लगा है। जो जवाहर लाल यादव जी ने दिया है। सभी कक्षाओं के लिए  साउंड  सिस्टम भी दान में मिल रहा है जिसे गांव के ही रामनरेश यादव जी दे रहें है। इसके अलावा गांव के लोगों ने भी कई वस्तुएं दान में देने को कहा है।
इसके बाद मैंने दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ कार्य शुरू किया , यहाँ तक कि बरसात में भी टेंट लगाकर कार्य कराया। सुंदरता बढ़ाने के लिए कई निर्माण कई बार  तोड़कर सुधारना पड़ा।
विद्यालय के पास स्थित जमीन खाली कराकर बॉउंड्री बनवा ली गयी है जिसमे सुंदर खेल मैदान विकसित करने की योजना है।
भविष्य की रणनीति के बारे में उन्होंने बताया कि 200 गमले का आर्डर किया जा  चुका है,  अंदर सरस्वती प्रतिमा, लगाने का विचार है, बाहर चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा लगवाकर वहां एक ऊची लाइट लगवाने की योजना है।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि आदर्श की उच्च पराकाष्ठा के पास पहुंचता ये विद्यालय विकास की कहानी खुद कह रहा है।
मिशन शिक्षण संवाद भदोही की टीम शिक्षा के प्रति समर्पित ऐसे जनप्रतिनिधियों और ग्राम प्रधान जी को नमन करती है।
संकलन -- टीम मिशन शिक्षण संवाद भदोही।

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