प्रयोग द्वारा आर्क मिडीज के सिद्धांत का सत्यापन


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विषय: विज्ञान
कक्षा : 8
प्रकरण : आर्क मिडीज का सिद्धांत 


*"स्वयं करके सीखें"*
कक्षा के छात्रों द्वारा उत्प्लावन बल को प्रयोग द्वारा समझने के बाद अपने सहपाठियों के समक्ष बारी बारी से " आर्क मिडीज के सिद्धांत " का सत्यापन प्रयोग द्वारा किया गया ।
*आवश्यक सामग्री* :
1- स्प्रिंग तुला
2- काँच का गुटका
3- धागा
4- पानी से पूरी तरह भरा जग
5- ट्रे या बड़ी प्लेट
6- प्लास्टिक की शीशी
*गतिविधि* :
सर्वप्रथम पानी से भरे जग को ट्रे में रख देते हैं । इसके बाद काँच के गुटके को धागे की सहायता से स्प्रिंग तुला में बाँधकर गुटके का वजन मापते है । अब स्प्रिंग तुला में लटके काँच के गुटके को पानी से ऊपर तक भरे जग में डालते है और गुटके के भार में आयी कमी को लिख लेते है । गुटके के पानी से पूरी तरह से भरे जग में डालने से जग का कुछ पानी निकल कर ट्रे में एकत्र हो जाता है अब ट्रे के पानी को प्लास्टिक की शीशी में डालकर स्प्रिंग तुला की सहायता से पानी का वजन मापते हैं । मापने पर काँच के गुटके के भार में आयी कमी और गुटके द्वारा हटाये गये पानी का भार बराबर निकला ।  
विवरण :
स्प्रिंग तुला द्वारा काँच के गुटके का वायु में भार = 210 ग्राम
स्प्रिंग तुला द्वारा काँच के गुटके का पानी में भार = 120 ग्राम
गुटके के भार में कमी
= 210 - 120 = 90 ग्राम
ट्रे में एकत्र हुये पानी का भार
= 90 ग्राम
गुटके के भार में कमी = गुटके द्वारा हटाये गये द्रव का भार
    90 ग्राम = 90 ग्राम
निष्कर्ष : उपरोक्त प्रयोग द्वारा ये सिद्ध होता है की
*"जब कोई वस्तु द्रव में पूर्णतः या आंशिक रुप से डुबोई जाती है तो उसके भार में कमी आजाती है ।भार में यह कमी वस्तु द्वारा हटाये गये द्रव के भार के बराबर होती है । यूनान के वैज्ञानिक आर्कमिडीज द्वारा सर्वप्रथम इसे ज्ञात किया गया ।इन्ही के नाम पर इसे " आर्क मिडीज का सिद्धांत " कहते हैं ।*
साभार :-
डॉ खुर्शीद हसन
टीम मिशन शिक्षण संवाद झाँसी

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