शिक्षक के सम्मान में दोषी कौन???

★विचार मंथन★
शिक्षक के सम्मान में ह्रास पर दोषी कौन?????     
           मित्रो शिक्षण संवाद के माध्यम से मैं अपने विचार आप सबके साथ बांटना चाहता हूँ/ एक समय था जब गुरू जी कहीं से गुजरते तो प्रत्येक आयु वर्ग का व्यक्ति नतमस्तक होता था लेकिन आज शिक्षक लोगों के आँख की किरकिरी बनता जा रहा है/इसके लिए हम सभी जिम्मेदार हैं।
चलिए बारी-बारी से बिन्दुवार चर्चा करते है/
१- मेरे बिचार से सबसे पहला बिन्दु शिक्षक का पहनावा है,जिस पर हमे विशेष ध्यान देने की जरूरत है/
जैसे:- रामलीला में राम काअभिनय करने वाला व्यक्ति यदि जीन्स शर्ट पहनकर अभिनय करे तो आप के मन में कैसा भाव प्रकट होगा? क्या आप उसे राम रूप में स्वीकार कर पायेंगे?ठीक उसी प्रकार हमें भी....   
२-  दूसरे बिन्दु में शिक्षक की भाषा शैली शुद्ध, सुस्पष्ट, मधुर, प्रभावी एवं सर्वप्रिय होना अतिआवश्यक है/समय-समय पर अभिभावकों से विद्यालयी क्रियाकलापों पर चर्चा करना परमावश्यक जिससे उनके मन में आप के प्रति उत्पन किसी भी प्रकार की गलतफहमी दूर होगी और आदर का भाव उत्पन होगा/
३-अन्य बिन्दुओं में शिक्षक को अपनें कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना,बच्चों के प्रति कुम्भकार जैसा व्यवहार,समय पालन,रुचिपूर्ण शिक्षण आदि गुणों को विकसित करना परमावश्यक है/
इस प्रकार के गुण यदि शिक्षक के अन्दर समाहित हैं अथवा विकसित कर लेता है तो आज भी वह समाज में सम्मानित है अथवा सम्मान पा लेगा/ 
साभारः--  अवधेश कुमार शुक्ल.         
Upsडेराडड़ी,राजपुर,कानपुर देहात

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