चन्द्रयान-3 ने इतिहास रचाया
चढ़ सफलता की सीढ़ी,
भारत में परचम लहराया।
तुच्छ समझने वालों देखो।
हमने असम्भव को, कर दिखलाया।।
झूम उठा हर भारतवासी,
गर्वित मस्तक है, उठाया।
चिंता मिटी, चंद्रयान के कदमों ने,
अद्भुत क्षण अद्भुत पल दिखलाया।।
हर्षित है जन-मन भारत का,
विज्ञान, वैज्ञानिकों ने मान बढ़ाया।
इच्छा शक्ति हो, जब अडिग,
सिरमौर बन भारत इठलाया।।
शशि मस्तक पर ज्यों तिरंगा लहराया,
'भारत माता की जय हो' नारा हर्षाया।
लगन, परिश्रम और समर्पण ने,
जय भारत जय विज्ञान गुण गाया।।
विश्व गुरु के पथ पर हमने,
एक और कदम है बढ़ाया।
हार्दिक शुभकामनाएँ भारतवासियों को,
आज चंद्रयान ने, नया इतिहास है रचाया।।
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
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