विश्व थैलेसीमिया दिवस
थैलेसीमिया है एक स्थाई आनुवांशिक रक्त विकार,
रोगी के लाल रक्त कणों में हीमोग्लोबिन बन नहीं पाता है।
सिर्फ बोन मैरो ट्रांसप्लांट ही है इसका प्रमुख उपचार,
रहे जीवित रोगी, 2 से 3 सप्ताह बाद रक्त चढ़ाया जाता है।
भारत में हर साल थैलेसीमिया ग्रसित 10,000 बच्चे होते पैदा,
बीमारी से जागरूकता फैले, 8 मई को दिवस मनाया जाता है।
माता-पिता से पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होती है यह बीमारी,
हड्डी विकृति, पीली त्वचा, धीमी वृद्धि लक्षणों को पाया जाता है।
रचयिता
शालिनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय बनी,
विकास खण्ड-अलीगंज,
जनपद-एटा।
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