बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर

चौदह अप्रैल अट्ठारह सौ इक्यानवे को, जन्मा एक सपूत।

विषमताओं को मजबूर किया जिसने, करने को कूच।।


अम्बेडकर जी ने दिए जीवन के, ये अनूठे मंत्र ।

शिक्षित बनो,संगठित रहो और करो संघर्ष, 

ये मंत्र अपनाओगे,

तभी मिलेगा हर्ष।।


संघर्षों का जज़्बा, 

पाला जिसने। 

लड़कर कठिनाई से,

आन्नद विजय का पाया उसने।।


शिक्षा से बनती है,

सुन्दर जीवन की तस्वीर। 

बनता है वर्तमान, भविष्य,

भूत से मिलती सीख।।


संगठन में  होती है,

शक्ति अदभुत। 

संगठित रह कर पाता है,

इंसान सब कुछ।।


रचयिता

सरिता तिवारी,

सहायक अध्यापक,

कम्पोजिट विद्यालय कन्दैला,

विकास खण्ड-मसौधा, 

जनपद-अयोध्या।




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