विजय दिवस

विजय दिवस है भारत का, पाकिस्तान को जीता था,

समर्पण 93000 पाकिस्तानियों ने किया था,

यह दिवस है महत्वपूर्ण, बच्चों को इसे बताना है,

1971 की घटना, भारतीयों का गर्व जगाना है।


निर्णायक क्षण उपमहाद्वीप बांग्लादेश बनाया था,

वायुसेना, नौसेना, सशस्त्र बल की स्थापना बताया था,

इंदिरा गांधी के दृढ़ निश्चय को अनदेखा ना करना,

महाशक्ति अमेरिका के इरादों को नेस्तनाबूत किया था।


राष्ट्रपति निक्सन और विदेश मंत्री नहीं समझे इंदिरा को,

अपशब्दों का प्रयोग भी डिगा ना पाया इंदिरा को,

भारतीय संस्कृति का परचम लहराया विदेश में भी,

नारी शक्ति का गुरूर देखना है  तो देखो इंदिरा को।


कलम आज उनकी जय बोल, कुर्बान हो गए जो देश पर,

वीरगति प्राप्त की, आँच ना आने दी भारत माता पर,

धरती करे गुणगान, आकाश गवाही दे जिसकी,

शौर्य पराक्रम को लख-लख नाज है अपने वीरों पर।


देश की रक्षा में सर्वस्व लुटाने वाले वीरों की जय,

जन्मदात्री उनकी माँ जगत जननी की जय जय जय,

धन्य है संगिनी उनकी, बहनें और बच्चे जो सुख त्यागे,

भारत माँ के लाल की युगों-युगों तक जय विजय।


रचयिता
नम्रता श्रीवास्तव,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।

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