नव वर्ष आ गया

 अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि तुमको

 देती हूँ मैं वर्ष प्रिये!

महामारी बनकर बरसे हो

फिर कभी ना बरसना तुम प्रिये!


रोजगार स्कूल कॉलेजों पर 

तुमने ताला है लटकवाया

तुम से बचने को सबने

है मुँह पर मास्क लगवाया


रिश्तो में दो गज की,

 दूरी का पालन करवाया

उचित दूरी ही है बचाव

इसका एहसास करवाया


इस वर्ष आशा और निराशा

दोनों ही मिलकर आए

छुपी हुई कई प्रतिभाएँ

इसी वर्ष निखर कर आईं


कुछ ले देकर यह वर्ष

  यूँ ही गुजर गया

खुशियों भरी शाम लेकर

नव वर्ष आ गया


रचयिता
सुनीता बहुगुणा,
सहायक अध्यापक,
राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय बिजनी बड़ी,
विकास क्षेत्र - यमकेश्वर,
जनपद - पौड़ी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।

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