महिला सशक्तिकरण विशेषांक 311

*👩‍👩‍👧‍👧महिला सशक्तीकरण विशेषांक-311*

*मिशन शिक्षण संवाद परिवार की बहनों की संघर्ष और सफ़लता की कहानी*


(दिनाँक-07.03.2025)
नाम:- ऊषा सिंह
पद- सहायक अध्यापक
विद्यालय-कम्पोजिट विद्यालय आलमगंज
खजुहा, फतेहपुर
*सफलता एवं संघर्ष की कहानी :-*👇
★प्रथम नियुक्ति- 21 जनवरी सन 2015 (72000 शिक्षक भर्ती प्राथमिक विद्यालय सालवा ब्लॉक कैसरगंज जिला बहराइच।
★वर्तमान  नियुक्ति/वर्तमान कार्यक्षेत्र- 26 सितंबर सन 2015 (29000 शिक्षक भर्ती) कंपोजिट विद्यालय आलमगंज,शिक्षा-क्षेत्र खजुहा जिला फतेहपुर।
●सामाजिक सेवा की शुरुआत- अपने विद्यार्थी जीवन से ही मैं कुछ अच्छे शिक्षकों के कार्यों से प्रभावित होकर निश्चित कर लिया था कि मुझे भी आगे चल कर एक शिक्षिका के रूप में समाज सेवा करनी है। आज मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानती हूं क्योंकि बेसिक शिक्षा विभाग में आकर मुझे वास्तव में एक शिक्षक के रूप में समाज सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ
★प्रारम्भिक परिचय- जैसे ही मेरा विद्यार्थी जीवन समाप्त हुआ तुरंत बाद ही
जवाहर नवोदय विद्यालय में पीजीटी बायोलॉजी संविदा शिक्षक के रूप में चयन हुआ।  2 वर्ष नवोदय में पीजीटी बायोलॉजी शिक्षक के रूप में कार्य करने के पश्चात 72000 शिक्षक भर्ती में प्राथमिक विद्यालय सलाहुआ ब्लॉक कैसरगंज जनपद बहराइच में सहायक अध्यापक के रूप में  ज्वाइन किया। बहराइच में 6 माह के प्रशिक्षण के समाप्त होने के तुरंत बाद ही मेरा चयन 29000 शिक्षक भर्ती सहायक अध्यापक गणित/ विज्ञान में हुआ फिर कंपोजिट विद्यालय आलमगंज शिक्षा क्षेत्र खजुहा जनपद-फतेहपुर में एक सहायक अध्यापक के रूप में ज्वाइन किया। ★विद्यालय/जीवन की समस्यायें एवं समाधान- मिशन शिक्षण संवाद की में बहुत-बहुत आभारी हूं क्योंकि आज मुझे आप सभी पाठकों के समक्ष अपने विद्यालय जीवन की कुछ समस्याओं को साझा करने का अवसर मिला विद्यालय की शुरुआती दिनों में कई समस्याओं का सामना करना पड़ा क्योंकि मुझे याद है जब मैं विद्यालय ज्वाइन करने के पश्चात पहले दिन विद्यालय पहुंची तो विद्यालय में सिर्फ चार बच्चे बैठे लिख रहे थे।बच्चों का नामांकन विद्यालय में बहुत कम था। नामांकन के सापेक्ष विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति बहुत कम थी। विद्यालय का भौतिक परिवेश भी अच्छा नहीं था विद्यालय की टूटी फूटी फर्श मेंन गेट बाउंड्री वॉल का अभाव तथा विद्यालय की बंजर भूमि के कारण एक भी पौधा नहीं था उसके पश्चात लगातार 9 वर्ष की मेहनत और संघर्ष के कारण आज विद्यालय में नामांकन संख्या 223 तथा बच्चों की उपस्थिति 90% तथा ऑपरेशन कायाकल्प के तहत विद्यालय का भौतिक परिवेश हरा-भरा और सुव्यवस्थित कक्षा कक्ष दिखाई देता है।
★स्वयं के जीवन के संघर्ष एवं सफलताएँ- मैंने अपने जीवन में काफी संघर्ष को सामना किया क्योंकि विद्यार्थी जीवन से एक शिक्षक बनने का जुनून सवारी चुका था ख्वाहिश थी की कितनी जल्दी मेरी पढ़ाई समाप्त हो और मैं स्वयं को एक शिक्षक के रूप में देख सकूं। शिक्षक बनने के लिए मेहनत और संघर्ष तो करनी पड़ी लेकिन एक अच्छा शिक्षक बनने के लिए ज्यादा मेहनत और ज्यादा संघर्ष करना पड़ा। एक शिक्षक के रूप में विद्यालय के शैक्षिक एवं भौतिक परिवेश में काफी सुधार के लिए 9 वर्ष लगातार मेहनत और संघर्ष किया। इन संघर्ष के कारण मुझे अपने जीवन में कई सफलताएं भी मिली।
★कार्यक्षेत्र की उपलब्धियाँ-1- जनपद स्तरीय आजादी अमृत महोत्सव प्रशस्ति पत्र।
2- ब्लॉक स्तरीय शिक्षक सम्मान 2024।
3- जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान नवाचार हेतु प्रमाण पत्र।
4- जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से जिला स्तरीय कला एवं संस्कृति महोत्सव प्रमाण पत्र।
5- जिला स्तरीय निपुण विद्यालय सम्मान प्रमाण पत्र।
6- ब्लॉक स्तरीय नॉलेज शेयरिंग कार्यक्रम प्रमाण पत्र।
7- जिला स्तरीय बालिका शिक्षा ब्लॉक नोडल शिक्षक के रूप में सम्मान।
★स्वयं की उपलब्धि- प्रत्येक बच्चे के साथ एक शिक्षक विद्यार्थी आत्मीय संबंध स्थापित करके उनकी सभी समस्याओं को जानकर उनका समाधान कर लेना तथा उनका सर्वांगीण विकास करना ही मेरी स्वयं की उपलब्धि है तथा बच्चों को प्रतिदिन विद्यालय आने की लालसा मन में भर देना मेरी स्वयं की उपलब्धि है।
★मिशन शिक्षण संवाद के लिये संदेश-  मै गीता यादव मैंम की बहुत-बहुत आभारी हूं जिसके कारण मैं अपनी शैक्षिक संघर्ष तथा सफलताओं को मिशन शिक्षण संवाद में  साझा कर पाई। मिशन शिक्षण संवाद प्रत्येक शिक्षक के लिए एक प्रेरणादायी मंच है। मैं इस मंच का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करती हूं कि मिशन शिक्षण संवाद ने मुझे अपनी बात रखने का मौका दिया धन्यवाद।

_✏संकलन_
ज्योति कुमारी
*📝टीम मिशन शिक्षण संवाद।*

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