32/2024, बाल कहानी- 27 फरवरी


बाल कहानी- पार्टी
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आज मोनू का जन्मदिन है, इसलिए वह बहुत खुश है। मोनू ने जन्मदिन की खुशियों को अच्छे से मनाने के लिए अपने माता-पिता से पार्टी करने की इजाजत माँगी।
मोनू के माता-पिता ने खुशी जाहिर करते हुए 'हाँ' कह दिया। माँ बोली-, "बेटा! जल्दी से अब तैयार हो जाओ और स्कूल जाओ, वरना देर हो जायेगी।"
मोनू ने कहा-, "माँ! रोज तो स्कूल जाता हूँ। आज जन्मदिन है मेरा आज नहीं जाऊँगा। शाम को पार्टी है, इसलिए सभी दोस्तों को अपने जन्मदिन पर आने का निमन्त्रण देना है।"
"ठीक है! न जाओ, नाश्ता तो कर लो।"
मोनू हाथ धोकर नाश्ता करने लगा। माँ ने फिर मुस्कुराते हुए कहा-, "बेटा! तुम दोस्तों को निमन्त्रण देने स्कूल जाओगे कि उनके स्कूल से वापस आने का इन्तजार करोगे, क्योंकि तुम्हीं अक्सर कहते हो कि मेरे सभी दोस्त प्रतिदिन समय से स्कूल जाते हैं और ये बताओ कि आज के दिन अपने गुरूजनों का आशीर्वाद कब लोगे? वैसे तो तुम हमेशा कहते हो कि मैं अपने सभी गुरुजी को बहुत मानता हूँ, तो इस खास दिन में क्या तुम उनसे आशीर्वाद नहीं लोगे?"
मोनू अब विवश हो गया। उसको माँ की बातें समझ में आ गयीं। मोनू नाश्ता करके स्कूल के लिए तैयार होने लगा। माँ मुस्करायी और गले से लगाकर आशीर्वाद दिया। मोनू खुशी-खुशी स्कूल चल दिया।

संस्कार सन्देश-
खुशी हो या गम।
स्कूल जायेंगे हम।।

✍️👩‍🏫लेखिका-
शमा परवीन 
बहराइच (उत्तर प्रदेश)

✏️संकलन
📝 टीम मिशन शिक्षण संवाद
नैतिक प्रभात

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