खानवा का युद्ध
बाबर राणा सांगा के मध्य,
हुआ खानवा में एक युद्ध।
दोनों योध्दा कुशल प्रवीण,
लड़े एक-दूजे के विरुद्ध।।
सन था पन्द्रह सौ सत्ताइस,
खानवा का मैदान।
जिला फतेहपुर सीकरी के,
निकट है यह स्थान।।
बाबर के थे प्रबल विरोधी,
हसन मेवाती, महमूद लोधी।
इन्होंने राणा को उकसाया,
करेंगे मदद यकीन दिलाया।।
अफगानी, राजपूत सेनाएँ,
गठबन्धन की नयी सीमाएँ,
चली फतह करने को बयाना,
सेनापति संग्राम सिंह राणा।।
बाबर ने ख्वाजा मेंहदी को,
लड़ने भेजा बयाना,
हुआ पराजित राणा से वो,
काबिज हो गए राणा।।
सुना बयाना पर कब्ज़ा तो,
बाबर तिलमिलाया।
तोपें लेकर खानवा के,
युद्ध भूमि पर आया।।
पानीपत के प्रथम युद्ध सी,
व्यूह रचना रच डाली।
जमकर बरसे तोप के गोले,
सारी कसर निकाली।।
युद्धभूमि से विरत हो गए,
राणा हुए पराजित।
वीर शासक को हरा के बाबर,
किया राज्य विस्तारित।।
रचयिता
राजकुमार शर्मा,
प्रधानाध्यापक,
(स्टेट अवार्डी टीचर)
पूर्व माध्यमिक विद्यालय चित्रवार,
विकास खण्ड-मऊ,
जनपद-चित्रकूट।
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