दीपोत्सव
कितना सुंदर होगा ये दृश्य
जब होगा रोशन दिल-दीपक
प्यार की रोशनी से,
होगा घृत करूणा, प्रेम, दया का
डूबी होगी जिसमें बाती एकता की
मिलेगी ऑक्सीजन इंसानियत के भाव से,
होगा लाल खून का प्रकीर्णन ऐसे
जैसे सब कह रहे हों
हम एक जैसे, हम एक जैसे
बढेगी प्रेम- ज्योति
करेगी रोशन, जब प्यार की रोशनी
बोल उठेंगे दिल-दीपक,
पड़ जाये फीकी, उसकी भी रोशनी
सोचे नूर प्रभु का भी
हमसे ज्यादा और रोशनी कहाँ
अरे हो गया दीपोत्सव धरा पर,
हाँ यही तो है, यही तो है
सच्चा दीपोत्सव, सच्चा दीपोत्सव।।
रचयिता
अर्चना गुप्ता,
प्रभारी अध्यापिका,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिजौरा,
विकास खण्ड-बंगरा,
जिला-झाँसी।
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