५१२~ कुलदीप कुमार (इं०प्रधानाध्यापक) उच्च प्राथमिक विद्यालय ( कंपोजिट), एग्राह विकास क्षेत्र- डिलारी, जनपद -मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश)

            🏅#अनमोल_रत्न🏅


मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- मुरादाबाद से अनमोल रत्न शिक्षक सहयोगी भाई कुलदीप कुमार जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और व्यवहार कुशलता से अपने विद्यालय को न सिर्फ बच्चों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना दिया है बल्कि सामाजिक विश्वास का केन्द्र भी बना दिया है जो हम जैसे हजारों शिक्षक साथियों के लिए प्रेरक एवं अनुकरणीय प्रयास हैं।




आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
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👉1.शिक्षक का परिचय ---
कुलदीप कुमार (इं०प्रधानाध्यापक)
उच्च प्राथमिक विद्यालय ( कंपोजिट), एग्राह
विकास क्षेत्र- डिलारी, जनपद -मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) 
प्रथम नियुक्ति तिथि- 16-12-2009 (जिला-अमरोहा)
वर्तमान विद्यालय में नियुक्ति तिथि -03-11-2016
👉2.विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने के लिए किए गए प्रयास---------
⭐A-स्वयं के प्रयास----
03-11-2016 को मेरी नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय एग्राह में प्रधानाध्यापक के पद पर हुई विद्यालय में प्रथम दिन ही मैंने देखा कि उपस्थित बच्चों की संख्या बहुत ही कम (लगभग 15-16) थी। विद्यालय में नामांकन भी केवल 38 था विद्यालय का भौतिक परिवेश भी अच्छा नहीं था विद्यालय में किसी भी प्रकार का एक भी पेड़ या पौधा नहीं था विद्यालय प्रांगण में अनेक भट्टी-खुदी हुई थी जिस पर गांव वाले आए दिन शादी समारोह तथा भंडारे आदि की दावत करते थे तथा झूठी पत्तल, गिलास यही छोड़ जाते थे जिसकी सफाई की बहुत दिक्कत होती थी विद्यालय प्रबंध समिति सक्रिय नहीं थी। गांव के कुछ सम्मानित व्यक्तियों से इस विषय पर धीरे-धीरे चर्चा करनी शुरू की परंतु कोई समाधान नहीं हुआ मैं इस विषय पर बहुत चिंतित था मैंने इसका उपाय सोचा मैंने सर्वप्रथम विद्यालय के भौतिक परिवेश को अच्छा करने की सोची मैंने स्वयं तथा बच्चों के सहयोग से इधर- उधर से ईटें एकत्रित कर विद्यालय में फूलों के पौधों के लिए क्यारी बनानी प्रारंभ की। प्रारंभ में कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया परंतु हम पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा और कुछ दिनों में ही हम पूरे विद्यालय में बच्चों तथा अपने शिक्षक साथियों के सहयोग से पेड़ पौधों की क्यारी बनाने में सफल रहे। इसके पश्चात कुछ गमले तथा पौधे हमने अपने पैसों से तथा कुछ इधर-उधर से लाकर विद्यालय में लगाकर बच्चों को भी अपने-अपने घरों से 1, 2 पौधे लाने के लिए प्रेरित किया तथा बच्चों को अपने-अपने पौधों की रखवाली करने के लिए भी प्रेरित किया बच्चों तथा साथी अध्यापकों के सहयोग से आज पूरा विद्यालय हरा-भरा है। विद्यालय में आज फूलों एवं फलों के छोटे-बड़े काफी सारे पेड़ -पौधे हैं विद्यालय में काफी टूट-फूट एवं मरम्मत का कार्य अपने स्तर से कराया गया तथा विद्यालय में आवश्यकता का बहुत सा सामान एकत्रित  किया गया जिससे विद्यालय का भौतिक परिवेश अच्छा हुआ। शिक्षण कार्य में नवाचारों खेल -खेल में शिक्षा, बाल संसद आदि का प्रयोग किया गया जिससे बच्चों के ठहराव में काफी सुधार हुआ तथा नामांकन में हर वर्ष बहुत सुधार आया हमारे समझाने तथा हमारी मेहनत और लगन को देखकर गांव की ओर से आने वाली समस्याएं भी लगभग समाप्त हो चुकी है।
अब मैं पूरे कंपोजिट स्कूल का नेतृत्व कर रहा हूँ  तथा छात्र संख्या 114 हो गई है।
✳️B-सभी साथी शिक्षक- शिक्षिकाओं के सहयोग से मैंने विद्यालय में एक टीम की तरह काम करना प्रारंभ किया समय-समय पर मीटिंग कर विद्यालय विकास हेतु कार्य योजनाएं बनाई इसी के साथ-साथ विद्यालय शिक्षण में TLM व नवाचारों के साथ खेल-खेल में शिक्षा जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियों का भी प्रयोग किया विद्यालय के सभी कार्यों में मेरे सभी शिक्षक साथी मेरा पूर्ण सहयोग एवं समर्थन करते हैं।
⭐C-जनप्रतिनिधि के सहयोग से--
समय-समय पर विद्यालय को जनप्रतिनिधियों का सहयोग मिलता रहता है ग्राम प्रधान द्वारा विद्यालय में शौचालयों मूत्रालय, समर्सबिल, मल्टीपल हैंडवाशिंग यूनिट आदि का निर्माण शासन की मंशा अनुसार कराया गया है तथा समय-समय पर गांव के कुछ सम्मानित व्यक्तियों द्वारा राष्ट्रीय पर्व तथा अन्य कार्यक्रमों में बच्चों को प्रेरित किया जाता है।






👉3-किए गए प्रयासों का परिणाम---
⭐A-नामांकन--
छात्र-छात्राओं के नामांकन के लिए घर-घर अभिभावकों से संपर्क किया। तथा अभिभावकों को समझाया और  बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी लेते हुए विद्यालय में की जा रही शैक्षिक गतिविधियों के बारे में बताया जिससे छात्र संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है तथा आगे भी होती रहेगी वर्तमान में विद्यालय में 114 बच्चे नामांकित है।
✳️B-उपस्थिति--
बच्चों की उपस्थिति का प्रतिशत 71% के आसपास रहने लगा बच्चों के ठहराव में भी काफी सुधार हुआ।
⭐C-विद्यार्थियों की उपलब्धियां-----
हमारे विद्यालय के विद्यार्थियों ने ब्लॉक व जनपद स्तर पर खेलकूद प्रतियोगिता तथा योग प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया है और उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए पुरस्कार भी प्राप्त किए हैं।
⭐D-विद्यालय की छात्र-छात्राओं ने समय-समय पर नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से बाल विवाह, महिला सशक्तिकरण, बैड टच -गुड टच, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत, पॉलिथीन मुक्त भारत, छुआछूत भगाओ, कुष्ठ रोग निवारण दिवस, मतदाता जागरूकता दिवस आदि विषयों पर ग्राम वासियों को जागरूक किया है।
👉5-विद्यालय में शिक्षण के साथ-साथ सांस्कृतिक सामाजिक एवं खेलकूद गतिविधियां-------
⭐A-शैक्षिक गतिविधियों के साथ-साथ विद्यालय में अन्य गतिविधियों को भी शामिल किया गया है जैसे कला, रंगोली, मेहंदी, वाद -विवाद प्रतियोगिता, योग प्रतियोगिता, कब -बुलबुल (स्काउट -गाइड) आदि आयोजित की जाती हैं। बच्चों द्वारा हर क्षेत्र में बेहतरीन कार्य किया जाता रहा है बच्चों द्वारा राष्ट्रीय पर्वों, महापुरुषों की जयंती एवं अन्य कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग लिया जाता है।
✳️B-विद्यालय में सक्रिय मीना मंच व बाल संसद का भी गठन किया गया है मीना मंच में हर शनिवार को कुछ न कुछ नया छात्राओं द्वारा किया जाता रहा है।
⭐C-बच्चों द्वारा समय-समय पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है जिसमें नुक्कड़ नाटक, स्कूल चलो अभियान, पोलियो अभियान आदि आयोजित किए जाते हैं।
✳️D-विद्यालय में बच्चों के अध्ययन के लिए एक सक्रिय  पुस्तकालय संचालित है जिसमें बच्चे बहुत ही रुचि लेते हैं।
⭐E-आई .सी. टी का प्रयोग करके बच्चों का शैक्षिक स्तर निरंतर सुधारने का प्रयास किया जाता है।
✳️F-विद्यालय में विभिन्न स्थानों पर सभी साथी शिक्षक शिक्षिकाओं के सहयोग से स्वयं चित्रकारी की गई है जिसकी प्रशंसा श्रीमान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय ने भी की हैं।
⭐G-बच्चों को प्रतिदिन योगाभ्यास ,नैतिक मूल्य सामान्य जानकारी, एवं कब- बुलबुल (स्काउट -गाइड) की शिक्षा दी जाती है बच्चे इसका महत्व भी जानते हैं।
👉6-शिक्षकों के नवाचार का विवरण-----
⭐A-कक्षा शिक्षण को रुचि पूर्ण बनाने के लिए कई नवाचारों जैसे खेल -खेल में शिक्षा अभिनय विधि, बाल संसद आदि को विद्यालय में लागू किया गया है विद्यालय में होने वाली सारी गतिविधियों व नवाचारों का अभिलेखीकरण विद्यालय में किया गया है।
✳️B-शिक्षकों के विभिन्न सम्मान एवं पुरस्कारों का विवरण-----
जनपद स्तरीय योगा अभ्यास प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त किया, शिक्षक दिवस पर मिशन द्वारा आयोजित शिक्षक सम्मान पुरस्कार, शिक्षक सम्मान पुरस्कार (जनपद अमरोहा) जिला स्तरीय शैक्षिक उन्नयन संगोष्ठी में प्रतिभाग।
👉7-मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश----
मिशन शिक्षण संवाद से हमें निरंतर ऊर्जा मिलती रहती है और कुछ नया करने को प्रेरित करती है मिशन अपने वाक्य -"शिक्षा का उत्थान शिक्षक का सम्मान" को सार्थक करता है।
👉8-शिक्षक समाज के लिए संदेश----
यदि हम अपने कार्य को पूर्ण लगन व निष्ठा के साथ करेंगे तो हम समाज की शिक्षक के प्रति नकारात्मक सोच को सकारात्मक सोच में बदल देंगे और हम काफी हद तक सफल हो रहे हैं ।इसका परिणाम हमें स्वयं देखने को मिल रहा है। मिशन शिक्षण संवाद में सभी पूर्ण निष्ठा एवं लग्न के साथ कार्य करने वाले सभी शिक्षकों का बहुत ही मान सम्मान है।
👉 सहयोग----
⭐श्रीमती संयोगिता जी (प्र. अ.) प्राथमिक विद्यालय अदलपुर वि.क्षे. डिलारी ,जनपद- मुरादाबाद
मैं इनकी लगन, मेहनत, व्यवहार, कार्यकुशलता एवं नेतृत्व क्षमता से बहुत प्रभावित हूँ। मैं इनको नमन करता हूँ।
⭐समस्त विद्यालय स्टाफ एवं बच्चे प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय (कंपोजिट), एग्राह
जो परिवार की तरह मेरा हमेशा सहयोग करते हैं। और हर समय मुझे कुछ नया करने के लिए प्रेरित करते हैं।
⭐ मिशन शिक्षण संवाद से जुड़े मेरे सभी सम्मानित शिक्षक साथी। जो मुझे हमेशा अच्छा करने के लिए प्रेरणा देते हैं।
⭐विभाग एवं सरकार ।
जो हमें अच्छा करने के लिए हर संभव सहयोग प्रदान करते हैं।

नोट: मिशन शिक्षण संवाद में सहयोग और सुझाव के लिए वाट्सअप नम्बर-9458278429 पर लिखें ✍🏽🙏
08-02-2021

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