३९५~ नीरज तिवारी (सहायक अध्यापक) प्राथमिक विद्यालय खड़ैतपुरा ब्लाक- वार, जनपद- ललितपुर, उत्तर प्रदेश

🏅अनमोल रत्न🏅



मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- ललितपुर से युवा अनमोल रत्न टी०एल०एम० निर्माण में समर्पित शिक्षक साथी भाई नीरज तिवारी जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से अपने विद्यालय को बहुत ही कम समय में सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया। जिससे विद्यालय आज शिक्षा के सकारात्मक केन्द्र के रूप में पहचान स्थापित करता जा रहा है। विद्यालय के प्रति ऐसा सकारात्मक प्रयास हम सभी के लिए प्रेरक एवं अनुकरणीय है।

आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:
https://www.facebook.com/1598220847122173/posts/2510012862609629/

शिक्षक परिचय:-
नीरज तिवारी (सहायक अध्यापक)
प्राथमिक विद्यालय खड़ैतपुरा ब्लाक- वार, जनपद- ललितपुर

👉विद्यालय की समस्याएं:-
1. जब मेरी नियुक्ति 14 -11- 2015 को प्राथमिक विद्यालय खडैतपुरा, वार में सहायक अध्यापक के पद पर हुई तब वहाँ नामांकन मात्र 39 छात्रों का था।
2- विद्यालय का भौतिक परिवेश बहुत ही खराब था। कक्षा- कक्ष और प्रधानाचार्य कक्ष किसी में पुताई तक नहीं थी।
3- विद्यालय का परिवेश नकारात्मक होने के कारण जनमानस का कोई सहयोग नहीं था।
4- विद्यालय परिवार में भी आपसी सहयोग एवं सामन्जस्य का अभाव था। जो विद्यालय के विकास में बाधक था।





👉3- विद्यालय की समस्याओं में सुधार का प्रयासः-

1- सत्र: 2018-19 से हमें विद्यालय की सम्पूर्ण सेवा का अवसर प्राप्त हुआ।
2- सर्वप्रथम एसएमसी की सहभागिता को सक्रियता प्रदान की जिससे जनमानस का विद्यालय से जुड़ाव स्थापित हुआ।
3- विद्यालय में छोटे-छोटे आयोजन कर प्रधान एवं सदस्य और अभिभावकों को बुलाकर विद्यालय समस्याओं से अवगत करा कर सुधार हेतु प्रेरित किया।
4- विद्यालय के भौतिक परिवेश में सुधार देख प्रधान जी द्वारा मैदान में ब्रिक्स लगवा दी गई।
5- आज विद्यालय में नामांकन 110 है।
6- विद्यालय के भौतिक परिवेश एवं शिक्षण कार्य में TLM के पर्याप्त उपयोग की सराहना श्रीमान खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा कई मंचों पर की गई।
7- श्रीमान खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा विद्यालय का नाम उत्कृष्ट विद्यालय की सूची में संभावित किया गया।























👉4- बच्चों को सिखाने हेतु कुछ सुझावः-

1 - सर्वप्रथम बच्चों एवं अभिभावकों से आत्मीय संबंध बनाएं।
2- बच्चों की किताबों के प्रति उदासीनता को दूर करने हेतु विषय वस्तु को चित्रात्मक रुप प्रदान कर कक्षा- कक्ष की दीवारों पर पेंटिंग करवाकर कक्षा-कक्ष को रोचक बनाएं।
3- विद्यालय के भौतिक परिवेश एवं शिक्षण कार्य में गतिविधियों एवं टीएलएम के समावेश से माहौल को इतना रोचक बना दें कि बच्चा विद्यालय आने को स्वयं आतुर हो।
4- TLM का अधिकाधिक प्रयोग बच्चों को समूह में करने को दें।











साथी अध्यापकों हेतु अपील या संदेश:-

जो मैंने अपने अब तक की सेवाकाल में सीखा है, समझा है अगर आप अपने अंतर्मन से प्रेरित हो कुछ करने की कोशिश करते हैं , तो कुछ भी असंभव नहीं है।

साभारः
नीरज तिवारी (सहायक अध्यापक)
प्राथमिक विद्यालय खड़ैतपुरा, वार, ललितपुर

संकलन एवं सहयोग
ज्योति कुमारी
मिशन शिक्षण संवाद

नोट: मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बन्धित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail. com पर भेज सकते हैं।
सादर:
विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
12-12-2019

Comments

Total Pageviews