मंगलकारी हो नव वर्ष

फिर से मिलने न आते हो
ऐ वर्ष बीत कर जाते हो
ऐसे बीत कर जाओगे
तुम तो अतीत बन जाओगे
एक वर्ष कम हुआ जीवन का
कटा वृक्ष जीवन उपवन का
तुमने जीवन को गति दी
अनुभव की थोड़ी मति दी
कुछ पन्ने तुमने जोड़े हैं
जीवन के पथ मोड़े हैं
कुछ जन रुष्ट हुए होंगे
कुछ मन मलिन हुए होंगे
कुछ की आशाएँ टूटी होंगी
कुछ आत्माएँ रूठी होंगीं
सबसे करबद्ध निवेदन है
एक छोटा सा आवेदन है
मुझे क्षमा का दान करो
अब आगे मत संधान करो
स्वागत है अब नया वर्ष है
नयी उमंगें नया हर्ष है
नये राग संग नयी है आशा
लिखनी है नूतन परिभाषा
सब जन अब हर्षित होंगे
नव पलवल विकसित होंगे
नव पुष्पन संग नव पराग हो
नयी तरंगें नया राग हो
भावनाओं के सुमन समर्पित
इन्हें करो स्वीकार सहर्ष
मंगलकारी हो नव वर्ष
मंगलकारी हो नव वर्ष

रचयिता
सूर्य प्रकाश सिंह,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय डेण्डासई,
विकास खण्ड-धाता, 
जनपद-फतेहपुर।

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