नये साल में
होली गयी, दीवाली गयी,
त्योहारों की बहार गयी,
सभी त्यौहारों का फिर से हैं इंतजार,
।। नये साल में ।।
ये करना है, वो करना है,
मन का मन में नहीं रखना है,
मुट्ठी में भर लू पूरा संसार,
।। नये साल में ।।
कोई असहाय भूखा न सोये,
कोई बच्चा माँ को न रोये,
कोई निर्दोष न खाए आतंक की मार,
।। नये साल में ।।
भारत का मान बढ़ाएँगे,
बुराइयों को दूर भगाएँगे
सब तरफ होगा प्यार ही प्यार,
।। नये साल में ।।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई,
आपस में है भाई-भाई,
ये कहावत करेंगे साकार,
।। नये साल में ।।
रचयिता
हेमलता गुप्ता,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मुकंदपुर,
विकास खण्ड-लोधा,
जनपद-अलीगढ़।
त्योहारों की बहार गयी,
सभी त्यौहारों का फिर से हैं इंतजार,
।। नये साल में ।।
ये करना है, वो करना है,
मन का मन में नहीं रखना है,
मुट्ठी में भर लू पूरा संसार,
।। नये साल में ।।
कोई असहाय भूखा न सोये,
कोई बच्चा माँ को न रोये,
कोई निर्दोष न खाए आतंक की मार,
।। नये साल में ।।
भारत का मान बढ़ाएँगे,
बुराइयों को दूर भगाएँगे
सब तरफ होगा प्यार ही प्यार,
।। नये साल में ।।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई,
आपस में है भाई-भाई,
ये कहावत करेंगे साकार,
।। नये साल में ।।
रचयिता
हेमलता गुप्ता,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मुकंदपुर,
विकास खण्ड-लोधा,
जनपद-अलीगढ़।
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