नववर्ष 2020
नववर्ष का नया प्रभात,
नवनीत सा निर्मल हो जाए,
प्रेम निहित निश्छल मन में,
नई उम्मीद फिर से लहराये।।
नए स्वप्न सलोने लेकर के,
जब वो नन्हीं आँखें सो जाएँ,
फिर सूर्य उगे नवजीवन का,
हर स्वप्न हकीकत बन जाए।।
सौ रंग आकर संवर उठे,
सतरंगी प्रकाश रवि चमकाये,
हर मानव मन यूँ महक उठे,
फिर जीवन सबका मुस्काये।।
निंदा, क्रोध का त्याग करें,
और प्रेम प्रकाश सब फैलायें,
मेरे भारत के जन-मन में,
निज राष्ट्रप्रेम फिर लहराये।।
नतमस्तक होकर ये माँग रही,
प्रभु इस वर्ष कुछ ऐसा हो जाए,
भेद-भाव और द्वेष मिटा,
हर मन में भारत बस जाए।।
छात्र हित से जुड़ा हर शिक्षक,
मिशन परिवार से जुड़ जाए,
और समर्पण की इस बगिया में,
हर बच्चा फिरसे खिल जाए।।
रचयिता
मीनाक्षी उनियाल,
रा0 प्रा0 वि0 बयेडा,
विकास खण्ड-बीरोंखाल,
जनपद-पौड़ी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।
नवनीत सा निर्मल हो जाए,
प्रेम निहित निश्छल मन में,
नई उम्मीद फिर से लहराये।।
नए स्वप्न सलोने लेकर के,
जब वो नन्हीं आँखें सो जाएँ,
फिर सूर्य उगे नवजीवन का,
हर स्वप्न हकीकत बन जाए।।
सौ रंग आकर संवर उठे,
सतरंगी प्रकाश रवि चमकाये,
हर मानव मन यूँ महक उठे,
फिर जीवन सबका मुस्काये।।
निंदा, क्रोध का त्याग करें,
और प्रेम प्रकाश सब फैलायें,
मेरे भारत के जन-मन में,
निज राष्ट्रप्रेम फिर लहराये।।
नतमस्तक होकर ये माँग रही,
प्रभु इस वर्ष कुछ ऐसा हो जाए,
भेद-भाव और द्वेष मिटा,
हर मन में भारत बस जाए।।
छात्र हित से जुड़ा हर शिक्षक,
मिशन परिवार से जुड़ जाए,
और समर्पण की इस बगिया में,
हर बच्चा फिरसे खिल जाए।।
रचयिता
मीनाक्षी उनियाल,
रा0 प्रा0 वि0 बयेडा,
विकास खण्ड-बीरोंखाल,
जनपद-पौड़ी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।
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