३९३~ सुमन शर्मा (इं.प्र.अ.) पू०मा०वि० मांकरौल, इगलास, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश

🏅अनमोल रत्न🏅

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- अलीगढ़ की अनमोल रत्न शिक्षिका बहन सुमन शर्मा जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से अपने विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है जो हम सभी के लिए प्रेरक और अनुकरणीय है।

आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:

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👉1- शिक्षक का परिचय:-
सुमन शर्मा (इं.प्र.अ.) पू०मा०वि० मांकरौल, इगलास, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश
प्रथम नियुक्ति: 29/09/2015
वर्तमान विद्यालय में नियुक्त: 29/09/2015

👉2- विद्यालय की समस्याए:-
🥀1. विद्यालय का मेरे निवास स्थान से अत्यधिक दूर होना। प्रतिदिन विद्यालय पहुंचने हेतु दो बसों (रूट सीधा न होने के कारण) तथा 4 कि.मी. पैदल रास्ता तय करना।
🥀2. विद्यालय में कुल नामांकन 54 होने पर भी मात्र 10-12 छात्र उपस्थित रहना।
🥀3. विद्यालय में एकमात्र महिला सहयोगी स्टाफ का होना। मेरे दो माह के उपरांत एक अन्य शिक्षिका की नियुक्ति हुई।
🥀4. विद्यालय में शौचालय, विद्युतीकरण न होना तथा बाउंड्रीवाल का क्षतिग्रस्त होना जहाँ से ग्रामीण विद्यालय में प्रवेश कर पानी भरते, शौच करते, घरों का कचरा फेंकते।
🥀5. कुछ लोगों की बकरियाँ तथा भेंस विद्यालय समय में प्रागंण में घूमते।
🥀5. विद्यालय के मुख्य द्वार पर गुटखा, टाफी आदि की एक छोटी सी दुकान के कारण केवल एक गेट ही खुल पाता था।
🥀6. विद्यालय समय में कुछ उपद्रवी ग्रामीण बाउंड्री वाल पर घंटों बैठे रहते।
🥀7. कुछ युवक विद्यालय के बरामदे में क्रिकेट खेलते तथा दीवारों पर अपशब्द लिख जाते (नियमित)।
🥀8. छात्रायें भय के कारण विद्यालय आने की इच्छुक नहीं थी।
🥀9. बच्चों तथा अभिभावकों में शिक्षा तथा शिक्षकों के प्रति सम्मान का न होना।
🥀10. बच्चों में अनुशासन, नैतिक मूल्यों, शिक्षा का पूर्णतः अभाव होना।


👉3- विद्यालय की समस्याओं का समाधान:-
🥀A- स्वयं का प्रयास से:
⚘1. सर्वप्रथम लम्बी दूरी के कारण समय से विद्यालय पहुँचने हेतु समय से पूर्व घर से निकल नियमित विद्यालय पहुँच कर एक सजीव उदाहरण प्रस्तुत किया।
विद्यालय आने जाने में प्रतिदिन 6-7 घंटे तथा 5-6 घंटे विद्यालय शिक्षण में देकर कठोर परिश्रम किया। 2 वर्ष तक इसी प्रकार विषम परिस्थितियों के लड़ते हुए नियमित विद्यालय पहुंच कर, विद्यालय में नवाचार, क्रिया कलापों द्वारा शिक्षण कार्य किया तो ग्रामीणों की सोच को बदल दिया। वे अपने बच्चों को विद्यालय भेजने लगे।
इसके उपरांत मथुरा से कुछ अन्य शिक्षिकाओं के साथ गाडी की व्यवस्था की। इस कारण
मथुरा से विद्यालय तक के सफर की समस्या का निवारण हो गया।
⚘2. विद्यालय में क्षति पहुँचाने वाले युवाओं को उनके अभिभावकों सहित विद्यालय बुलाकर काउंसलिंग की। धीरे-धीरे वे कम आने लगे तथा विद्यालय में अद्भुत बदलाव देखकर उन्होंने अकारण विद्यालय में आना बंद कर दिया।
⚘3. अनुशासन हेतु अधिकांश बच्चों को मॉनिटर बनाया। जैसे:- School monitor, assembly monitor, health and hygiene monitor, class monitors, plates monitor, subject monitors, lunch monitor, plant monitor etc.
इस प्रयोग द्वारा विद्यालय में केवल अनुशासन ही नहीं अपितु बच्चों में आत्मविश्वास जाग्रत हुआ।
जो बच्चे कहते थे कि मैम हमसे पढ़ाई नहीं होगी वे कठिन परिश्रम करने लगे।
किसी भी मॉनिटर को हतोत्साहित किये बिना सकरात्मक सोच का निर्माण किया। जिससे न केवल बच्चे अनुशासित बने अपितु आत्मविश्वासी, परिश्रमी, नेतृत्व की क्षमता आदि का विकास हुआ।
⚘4. एकमात्र शिक्षक (8 माह एकल) होने के कारण विद्यालय प्रबंधन में बच्चों को साथ लिया।नियुक्ति के दो माह के उपरांत एक अन्य शिक्षका नियुक्त।
⚘5. प्रति सप्ताह शुक्रवार को star of the week तथा शनिवार को विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया।
प्रतियोगिता के विजेताओं के साथ साथ प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया।
किसी भी प्रतियोगिता में प्रतिभागियों की संख्या कभी भी निर्धारित नहीं की वरन् प्रेरित किया कि समस्त विद्यार्थी प्रतिभागी बनें।
⚘6. मीना मंच को प्रभावशाली बनाया। इसके अन्तर्गत बच्चों को मोबाइल, लैपटॉप आदि पर मीना मंच से सम्बन्धित वीडियो दिखाये तथा प्रेरित करने वाली पुस्तकें पढ़कर सुनाकर नैतिकता, सत्यवादिता, आत्मसम्मान , देशभक्ति आदि गुणों को विकसित करने का प्रयास किया। ये गुण एक आदर्श विद्यार्थी में यदि हैं तो वह स्वयं ही शिक्षा के महत्व को समझ श्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा।
⚘7. अभिभावकों को नियमित सूचना पत्र भेजे जिनके बच्चे अकारण ही विद्यालय नहीं आते थे। (मीना मंच के बच्चों द्वारा)।
⚘8. समय सारणी में संगीत, कला, नृत्य, योग आदि को स्थान दिया। प्रत्येक पर्व, विशेष दिवस, जयंती को सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं प्रतियोगिताओं से मनोरंजक बनाया तथा विद्यालय को बच्चों का प्रिय स्थान बनाया।
⚘9. मीना मंच के अन्तर्गत बच्चों को रंगोली, क्राफ्ट्स, ऊन से फूल, टेडी बियर, क्ले से मूर्ति व फल, फोटो फ्रेम, सभी विषयों के TLM, POP से गमले, विज्ञान के माडल्स, कुकिंग तथा ढेरों सामाग्री प्रत्येक शनिवार बनवाई। इस तरह मैंने बच्चों को जिज्ञासु, परिश्रमी, धैर्यवान बनाया। अब वे शैक्षिक गतिविधियों में रुचि लेने लगे।
⚘10. अब academic को गतिशील बनाया गया। कमजोर बच्चों तथा अच्छे बच्चों का जोडा बनाकर उसमें सुधार हेतु buddy system शुरू किया।
साथ ही स्वाध्ययन का भाव बच्चों में विकसित किया। सभी बच्चे सदभाव से एक दूसरे की सहायता करने लगे।
⚘11. थोड़े समय के कार्य हेतु बच्चे पूरे दिन का अवकाश लेते थे। इस समस्या का निवारण students short leave register बनाया। बच्चे आवश्यक कार्य हेतु अद्यतन उस रजिस्टर में लिख कर जाते हैं व ससमय लौट आते हैं।
इस प्रकार छात्र उपस्थिति में आश्चर्यजनक बढोत्तरी हुई।
⚘12. स्टोर रुम की तरह बेकार कमरे को मीना मंच गतिविधियों के लिए तैयार किया। जिसमें एक पुस्तकालय, विज्ञान लैब, स्टेशनरी, बच्चों के लेख, कला जो बहुत सारे क्राफ्ट आदि मीना मंच के सत्रों में बनाए वे सब कमरे में उचित रूप से सजाये।
⚘13. विद्यालय के प्रांगण में जो जगह खाली थी जहाँ लोग कचरा डालते थे उसको पहले साफ कराया, कुछ बुग्गी मिट्टी डलवाकर किचन गार्डन बनाया।
Plant monitor नियुक्त किये व कक्षावार सप्ताह के दो-दो दिन पानी लगाने हेतु निर्धारित किये। यह अद्यतन जारी है।
कचरा प्रबंधन हेतु गढ्ढा बनवाकर उसमें कचरा डाला जाता है। जब कम्पोस्ट बन जाता है उसे किचन गार्डन में उपयोग में लिया जाता है।
⚘14. शौचालयों के निर्माण हेतु बहुत प्रार्थना पत्र लिखे परन्तु वर्ष 2017 में हमारे ब्लॉक के ABRCC science श्री पी०सी० शर्मा जी ने इस समस्या की गंभीरता को समझ प्रार्थना पत्र जनपद स्तर के उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया। वर्ष 2018 में ग्राम प्रधान की सहायता से शौचालयों का निर्माण हुआ।
⚘15. बाउंड्रीवॉल की मरम्मत व्यक्तिगत रूप से कराई। शुरू में कुछ लोग विद्यालय में प्रवेश हेतु उसे तोड़ जाते व पुनः मरम्मत करवाया जाता।
⚘16. इन चार वर्षों में शिक्षण कार्य सहित सभी नवाचार व गतिविधियों जैसे मीना मंच, किचन गार्डन, पुस्तकालय, अभिभावकों के साथ मीटिंग्स, सत्रों, अभियानों, रैली आदि में विद्यार्थियों को अमूल्य अनुभव प्रदान किए। कुशल प्रबंधन व समय प्रबंधन में निपुण बनाया।





🥀C- जनप्रतिनिधि का सहयोग से:

⚘1. ग्राम प्रधान की सहायता से शौचालयों का निर्माण करवाया।
⚘2. प्रतिवर्ष विद्यालय के लिये ग्राम प्रधान से 30-50 पौधों प्राप्त किए।
🥀D- शासन का सहयोग से:

⚘1. शासन के सहयोग से विद्यालय में शौचालयों का निर्माण संभव हुआ।
⚘2. विद्यालय में विद्युतीकरण हो गया है।
⚘3. विज्ञान किट, खेल किट, पुस्तकालय हेतु पुस्तकें प्राप्त की।

🥀E- जन सहभागिता से:

⚘1.आज ग्रामीणजन विद्यालय के संरक्षक हैं। वे विद्यालय समय के उपरांत न तो स्वयं प्रवेश करते हैं और न ही किसी अन्य को।
⚘2. राष्ट्रीय पर्वों पर ग्रामीणों द्वारा बच्चों को उपहार दिए जाते हैं।नुक्कड़ नाटकों व विद्यालय में जब बच्चे प्रस्तुति देते हैं तब वे उन्हें ईनाम भी देते हैं।
⚘3. आज सभी जिम्मेदारी से अपने दायित्वों का निर्वहन करते हैं। SMC, VEC, MTA/PTA , Meena Manch sessions में नियमित प्रतिभाग करतें हैं।
⚘4. ग्रामीणजन जिनके बच्चे विद्यालय में अध्ययनरत हैं वे लगभग सभी मजदूर वर्ग है फिर भी कार्यक्रम के समय मीना की गुल्लक में जो भी पैसा एकत्रित होता है उसके बच्चों के लिए स्टेशनरी उपलब्ध कराई जाती है।

🥀F- अन्य सहयोग से:
⚘1.मेरे पिताजी ने विद्यालय में आवश्यक वस्तुओं को क्रय करने में सहायता की तथा मीना मंच के कमरे में चार जोडी खिडकियाँ, स्पीकर, पेंटिंग्स , किचन गार्डन आदि में सहायता की।
⚘2. श्री पी.सी. शर्मा (ABRCC science तथा नोडल समन्वयक बालिका शिक्षा) ने वर्ष 2017 में मीना मंच के अन्तर्गत विद्यालय को मीना जन्मोत्सव कार्यक्रम में मीना की पुस्तकें सहित 150 के लगभग पुस्तकें उपहार स्वरूप दीं।
इन्होंने वर्ष 2018 में मीना मंच के अंतर्गत जब UNICEF टीम डाक्यूमेंट्री फिल्म शूट हुआ उसकी तैयारी में भी आर्थिक सहयोग दिया। समय समय पर किसी भी कार्यक्रम में जब भी हमने श्रीमान पी.सी. शर्मा को आमंत्रित किया उन्होंने व्यक्तिगत रूप से बच्चों को पुरस्कृत कर प्रेरित किया।
⚘3. श्रीमान दानवीर सिंह ABRCC English तथा नोडल समन्वयक WLE ने विद्यालय को एक रेडियो उपहार स्वरूप दिया तथा बच्चों सहित स्टाफ को भी प्रेरित किया।
⚘4. श्रीमान यतेन्द्र सिंघल, मिशन शिक्षण संवाद(अलीगढ़) ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों, वार्षिक उत्सव तथा प्रदर्शनियों में उपस्थित रहकर बच्चों को पुरस्कृत किया तथा मेरा मार्गदर्शन भी किया।
⚘5. मेरी एकमात्र सहायिका श्रीमती उर्वशी गौतम ने विद्यालय को कुछ चादरें दीं।








👉4 - विद्यालय की प्रेरक शिक्षण, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं खेलकूद गतिविधियाँ:-

⚘1. शैक्षिक गुणवत्ता हेतु BUDDY SYSTEM, SELF STUDY, ACTIVITY BASED TEACHING, ICT based teaching, Deeksha app, you tube educational videos, खेल-खेल में शिक्षा,स्वयं करके सीखें आदि नवाचार किए।
⚘2. सांस्कृतिक कार्यक्रमों हेतु बच्चों को गरबा, पंजाबी, भरतनाट्यम, राजस्थानी, contemporary आदि प्रकार के नृत्य सिखाये।
⚘3. जो बच्चे सिर्फ कबडडी व खो-खो खेलते थे आज वे बैडमिंटन, हैंड वॉल, शतरंज , बास्केटबॉल आदि खेलते हैं व निरंतर अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास करते हैं।
⚘4. राष्ट्र निर्माण व स्वच्छ व स्वस्थ समाज निर्माण हेतु ग्रामीणों के साथ नियमित बैठकें, मीना मंच सत्र आयोजित किए तथा निम्नलिखित अभियान शुरू किए। कुछ व्यक्तिगत रूप से भी शुरू किए।
एक घर, एक पेड़ (वृक्षारोपण कार्यक्रम)
आधा गिलास पानी(जल संरक्षण)
रीडिंग मेला Red Tape Movement, Fit India movement
स्वच्छ भारत अभियान
दीपदानम- एक दीप, एक संकल्प
प्रौढ़ शिक्षा -आओ साक्षर बनाऐं
संचारी रोग नियंत्रण अभियान
बाल स्वास्थ्य, नशा करे नाश
बेटी बचाओ अभियान व महिला सशक्तिकरण
Ye mera India movement
एक भारत, श्रेष्ठ भारत

👉5- विद्यालय और विद्यार्थियों की
उपलब्धि:-
🥀A- नामांकन विवरण:
2015:- 54
2016:- 58
2017:-66
2018:-74
🥀B- उपस्थिति:
2015:- 20%
2019:- 85%

🥀C- विद्यार्थियों की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता का विवरण:
2017- NPRC स्तर की क्रीडा प्रतियोगिताओं में कुल 11 प्रतिभागियों में से 8 ने top three ranks में स्थान प्राप्त किया।
विद्यालय इतिहास में पहली बार छात्र छात्राऐं किसी प्रतियोगिता हेतु विद्यालय से बाहर गये।विद्यालय में खेल का मैदान भी नहीं है।
2018:- राष्ट्रीय आविष्कार अभियान के अंतर्गत विज्ञान सम्बन्धित प्रतियोगिताओं में overall rank first.
कक्षा 8 की छात्रा कु.शीतल ने जनपद स्तर आयोजित विज्ञान माडल प्रतियोगिता में द्वितीय तथा निबंध लेखन में चतुर्थ स्थान प्राप्त किया।
2019 :- जनपद स्तर पर आयोजित सात दिवसीय थियेटर एवं पपेट कार्यशाला बच्चों ने ब्लॉक से प्रतिभाग किया।

🥀E- विद्यार्थियों की अन्य उपलब्धियाँ:
⚘1. विद्यार्थी शिक्षा के महत्व को समझते हैं।
⚘2. गायन, नृत्य, लेखन, वाद विवाद, नाटक आदि कलाओं में निपुणता की तरफ अग्रसर।
⚘3. विज्ञान के मॉडल, POP व सीमेंट , रद्दी से विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करने में सक्षम।
⚘4. स्वध्ययन व परिश्रमी स्वभाव। स्वच्छता, जल संरक्षण, वृक्षारोपण आदि अभियानों में उत्कृष्ट प्रदर्शन। ये मेरा इंडिया अभियान को कुशलतापूर्वक सम्पन्न करने वाले जनपद अलीगढ़ से एकमात्र विद्यार्थी।
⚘5. किचन गार्डन के बागवान की भूमिका निरंतर पूर्ण कुशलता से अवकाशों में भी।

👉6 - शिक्षक और विद्यालय की उपलब्धियां:-
🥀A- शिक्षकों के नवाचारों का विवरण:-
⚘1.मीना मंच में सुगमकर्ता के रूप में जनपद में श्रेष्ठ प्रदर्शन।मीना मंच के द्वारा विद्यालय में छात्रवृद्धि, ठहराव, उपस्थिति, परीक्षा परिणाम में सुधार किया। बच्चों तथा ग्रामीणजनों को जागरूक बनाया।मीना मंच सबसे सफलतम नवाचार रहा, इसका जीवंत प्रमाण है कि पू. मा.वि. मॉकरौल, उ.प्र. से चयनित एकमात्र विद्यालय था जिसमें UNICEF TEAM ने
13 सितंबर 2018 को डाक्यूमेंट्री फिल्म शूट की गई तथा बच्चों, अभिभावकों, सुगमकर्ता, नोडल व जिला समन्वयक , श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी तथा खण्ड शिक्षा अधिकारी महोदय की भूरी भूरी प्रशंसा की।
⚘2. किचन गार्डन
विद्यालय का वह भाग जहाँ ग्रामीण कचरा फेंकते थे वह भाग आज विद्यालय का सबसे सुंदर भाग है। उस भाग को साफ कराया, कुछ बुग्गी मिट्टी डलवाकर पौधे व सब्जियों के बीज लगवाये। यह गतिविधि आज तक जारी है।
किचन गार्डन के द्वारा बच्चों को अनुभव से सीखने के कौशल का विकास किया व बच्चों ने सीखा
⚘1. पौधों में वृद्धि.
⚘2. कचरा प्रबंधन
विद्यालय की प्लास्टिक की बोतलें रंग करके हैंगिंग गार्डन में उपयोग की जाती हैं तथा फलों व सब्जियों के छिलके, कागज आदि को गढ्ढे में डालकर कम्पोस्ट बनाकर उसे किचन गार्डन में उपयोग किया जाता है।
⚘3. प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता
⚘4.स्वच्छता का महत्व
🥀B- शिक्षकों के विभिन्न सम्मानों का विवरण:
⚘1. 11 अक्टूबर2017 को मिशन शिक्षण संवाद की जनपद स्तर की कार्यशाला में उत्कृष्ट शिक्षक के रुप में सम्मानित।
⚘2. 6 मई 2018 लखनऊ पुस्तक मेला में अंकुरम महोत्सव में जनपद से चयनित एकमात्र विद्यालय व प्रमाण पत्र भी प्राप्त।
⚘3. 13 सितंबर-2018 को मीना मंच के जीवन कौशल माड्यूल की उपलब्धि पर आधारित UNICEF ने डाक्यूमेंटरी फिल्म शूट की।
⚘4. 20 अक्टूबर- 2018 को सुगमकर्ता के रुप उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण ब्लॉक से सम्मानित।
⚘5. जनवरी 2019 में राष्ट्रीय आविष्कार अभियान के अंतर्गत विज्ञान संबंधित प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों का प्रदर्शन श्रेष्ठ रहा तथा प्रथम स्थान प्राप्त किया। जनपद स्तर पर विज्ञान शिक्षका के रूप में मेरी छात्रा ने विज्ञान मॉडल में द्वितीय तथा निबंध प्रतियोगिता में चतुर्थ स्थान प्राप्त किया।
⚘6. रेड टेप मूवमेंट में प्रतिभागी के रूप में दोनों वर्ष प्रमाणपत्र द्वारा सम्मानित।
⚘7. जुलाई 2019 राज्य पुरस्कार हेतु जनपद से श्रेष्ठ 10 शिक्षकों की सूची में कार्य के आधार पर चयनित।
⚘8. 23 अक्टूबर- 2019 लखनऊ में मिशन शिक्षण संवाद की राज्य स्तरीय कार्यशाला में सम्मान।
⚘9. बेसिक शिक्षा पर आधारित लेख को मिशन की पत्रिका के अगस्त- 2019 अंक में प्रकाशित किया गया। मेरे द्वारा रचित अन्य कविताओं को भी ब्लॉग पर पोस्ट किया गया।
⚘10. किचन गार्डन व कचरा प्रबंधन के नवाचार को 11अगस्त- 2019 को हिंदुस्तान टाइम्स अखबार में न केवल प्रकाशित किया वरन् प्रशंसा भी की गई।
⚘11. अरविंदो सोसायटी द्वारा शून्य नवाचार अवार्ड।

🥀D. शिक्षक की अन्य उपलब्धियाँ:
2016 में मेरी सच्ची कहानी को UP Teachers club ने श्रेष्ठ कहानी के रुप चयनित कर "संघर्ष" नाम भी दिया।
विद्यालय में पूर्णतः बदलाव।
प्राईवेट विद्यालयों से विद्यार्थियों ने हमारे विद्यालय में प्रवेश लिया।
गांव में कोई भी बच्चा आउट ऑफ स्कूल नहीं है। बच्चों के साथ- साथ ग्रामीण भी जागरूक बन गये हैं तथा शिक्षकों का सम्मान करते हैं व कुछ अभिभावक (SMC) विद्यालय के क्रय सम्बंधित कार्य में सहायता करते हैं। बच्चों को प्रतियोगिताओं में ब्लॉक व जनपद में ले जाने हेतु गाडी भी उपलब्ध करते हैं। विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय सहित एक ही प्रागंण में है व समस्त स्टाफ महिला है तथा वातावरण बहुत शांत व सुंदर है।
ग्रामीण, राष्ट्र निर्माण के उद्देश्य की सिद्धि हेतु सभी अभियानों में उत्साहपूर्वक प्रतिभाग करते हैं।
हमारे विद्यार्थी आज नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण हैं। भौतिक परिवेश बहुत सुंदर व स्वच्छ हैं।
विद्यालय में अनुशासन प्राईवेट विद्यालयों से भी अच्छा है।
माता अभिभावक जन्माष्टमी, जन्मोत्सव आदि पर भजन,गीत, नृत्य आदि प्रस्तुत करती हैं।

👉7 - मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश:-
निरंतर नये आयाम स्थापित करने हेतु आप प्रशंसनीय हैं। मिशन शिक्षण संवाद का सदस्य होना मेरे लिए गर्व का विषय है क्योंकि मिशन शिक्षण संवाद ने सदैव हमें प्ररेणा दी है।

👉8 - शिक्षक समाज के लिए संदेश:- शिक्षक यदि बच्चों से भावनात्मक रूप से जुडकर कार्य करें तो कर्तव्य निर्वहन करने में उत्पन्न बाधाओं को कुशलतापूर्वक शत प्रतिशत समाप्त किया जा सकता है।

👉9- संकलन एवं सहयोग
यतेन्द्र सिंघल जी
मिशन शिक्षण संवाद अलीगढ़

नोट: मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बन्धित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail. com पर भेज सकते हैं।
सादर:
विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
09-12-2019

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