३९१~ राम प्रसाद सहायक अध्यापक कम्पोजिट स्कूल अहिन्दा, हथगाम, फ़तेहपुर
🏅अनमोल रत्न🏅
💁🏻♂ साथियों आज हम मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से आपका परिचय जनपद- फ़तेहपुर के विकास खण्ड हथगाम के अनमोल रत्न शिक्षक साथी श्री राम प्रसाद पाल जी से करा रहे हैं, जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से विद्यालय की दिशा और दशा में परिवर्तन कर दी है। जहाँ उपस्थिति के नाम पर विद्यालय का परिसर बच्चों के बिना नीरस एवं उदास रहता था वहीं आज विद्यालय प्रांगण बच्चों की मनमोहक उपस्थिति से सुसज्जित विद्यालय होने के गौरव से गौरवान्वित रहता है।
💁🏻♂ आइये देखते हैं आपके द्वारा किये गए सकारात्मक प्रयासों को:-
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2504705069807075&id=1598220847122173
👉1. शिक्षक परिचय:-
राम प्रसाद सहायक अध्यापक
कम्पोजिट स्कूल अहिन्दा, हथगाम, फ़तेहपुर
प्रथम नियुक्ति- 19/08/2014
वर्तमान विद्यालय मे नियुक्ति- 24/04/2018
👉2. विद्यालय की समस्याएँ:-
👉🏻 पेयजल की समस्या
👉🏻 वृक्षारोपण के नाम और मात्र एक वृक्ष।
👉🏻विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति बहुत कम रहती थी।
👉🏻 विद्यालय प्रांगण में जलभराव की स्थिति थी। जो कक्षा- कक्ष को भी प्रभावित करता था।
👉🏻 प्रार्थना सभा मात्र औपचारिकता ही थी।
👉3. विद्यालय की समस्याओं का समाधान:-
👉🏻जल है तो कल है, अर्थात विद्यालय में जल संकट की समस्या पर सबसे पहले कार्य किया गया। विद्यालय में पेयजल के संकट का निराकरण करने के लिए प्राथमिक के प्रभारी श्री कुलदीप सिंह, पू०मा० की प्रभारी शाहीन ज़माल और ग्राम प्रधान की सहायता से एक सबमर्सिबल लगवाया गया और दोनों विद्यालय की छतों में पानी की टंकी रखवाई गयी।
👉🏻वृक्षारोपण हेतु वृक्ष लगाने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा का पूर्ण प्रबन्ध किया गया इस कवायद से पूरा प्रांगण हरा-भरा लगने लगा।
👉🏻ग्राम प्रधान जी से बात करके चौदवें वित्त आयोग से टाइल्स आदि लगवाई गयीं।
👉🏻बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए प्रार्थना सभा में विभिन्न प्रकार की गतिविधियाँ कराने की शुरुआत की गई। साथ ही संगीत के माध्यम से प्रार्थना होने लगी, इससे बच्चों की उपस्थिति में वृद्धि हुई। इसके बाद भी न आने वाले बच्चों के अभिभावकों से सम्पर्क किया गया और बच्चों को विद्यालय भेजने हेतु प्रेरित किया गया।
👉🏻 विद्यालय प्रांगण में जलभराव से निज़ात पाने के लिए जल निकास की समुचित व्यवस्था की गयी, जिससे कक्षा-कक्ष सुरक्षित हुए और मुश्किलें भी कम हुईं।
👉4. विद्यालय में सामाजिक, सांस्कृतिक एवं खेलकूद आदि के माध्यम से विद्यालय में शिक्षण कार्य को रुचिकर बनाने के लिए गतिविधि आधारित शिक्षण कार्य शुरू किया गया। समय-समय पर संगीत के माध्यम से कविता पाठ कराया जाने लगा, जिससे बच्चे बहुत ही रुचि लेने लगे और जो बच्चा आने से कतराता था, वह भी आने लगा। इन सब प्रयासों से बच्चों की उपस्थिति लगभग 90% तक पहुंच गई। इन सभी कार्यों में प्राथमिक के हेड कुलदीप सिंह जी का भरपूर सहयोग मिला।
बच्चों को प्रतिदिन नवीन गतिविधि, योगाभ्यास, अन्तिम एक घण्टे में विभिन्न खेल, जैसे: खो-खो, कबड्डी आदि, कार्य किया जाने लगा। शिक्षण कार्य में कुलदीप सिंह जी, मुदिता दुबे जी, सुभाष सिंह जी और समस्त स्टाफ़ की सहभागिता बराबर रहती है। विभिन्न राष्ट्रीय पर्वों यथा-15 अगस्त, 26 जनवरी आदि को बड़े स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
👉5. बच्चों का नामांकन:-
वर्तमान में नामांकन
प्राथमिक में- 217
पू०मा० में -177
कुल नामांकन- 394
उपस्थिति लगभग- 90% रहती है।
बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए, माह में शतप्रतिशत उपस्थिति वाले बच्चों को स्टार ऑफ़ द मंथ से पुरस्कृत किया जाता है। इससे बच्चों के उत्साह में वृद्धि के परिणाम स्वरूप विद्यालय की उपस्थिति में वृद्धि होती है। विद्यालय में लखनऊ की एक टीम द्वारा विज्ञान प्रदर्शनी लगवाई गयी, जिससे बच्चों में विज्ञान में रुचि की वृद्धि हुई।
👉6. शिक्षक और विद्यालय की उपलब्धि:-
विद्यालय में बाल संसद का गठन किया गया और चार हाउस- गंगा, गोमती, कृष्णा, कावेरी में विभाजित किया गया। इसके साथ बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना का विकास किया गया। विद्यालय को उत्कृष्ट विद्यालय को उपाधि मिली साथ में मुझे भी जिलाधिकारी महोदय द्वारा 03 जनवरी- 2019 को सम्मानित किया गया।
👉7. मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश:-
वैसे तो सभी शिक्षक अपनी योग्यता और क्षमता के अनुसार मेहनत करके सर्वाधिक सर्वोच्च ज्ञान देने का प्रयास करते हैं, बच्चों का भविष्य बनाते हैं। लेकिन मिशन शिक्षण संवाद से शिक्षक एक दूसरे से सीखते हुए बच्चों को बेहतर ज्ञान प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। इससे बेसिक शिक्षा में बेशुमार परिवर्तन हुआ है। मेरा ये सुझाव है कि यदि हम किसी भी कार्य को अपना स्वयं का कार्य समझते हैं तो कार्य अधिक बेहतर होता है। जब हम विद्यालय को अपना विद्यालय और बच्चों को अपने बच्चे समझकर कार्य करें तो कार्य करने का नज़रिया बदल जाता है और परिणाम ज्यादा बेहतर प्राप्त होते हैं। हमें कर्म करना चाहिए और फ़ल की इच्छा नहीं करनी चाहिए। जब से मैं नेवी से सेवानिवृत्त होकर शिक्षक के पेशे में आया हूँ। अपने को भग्यशाली समझता हूँ कि मुझे बच्चों के मनोबल और आत्मबल बढ़ाने का ये महत्वपूर्ण कार्य मिला है और मैं इस कार्य को पूरी तन्मयता से कर रहा हूँ।
साथ ही मेरे बहुत से ऐसे शिक्षक साथी भी हैं, जो अपने कार्य को पूरे मनोयोग से कर रहे हैं, लेकिन स्वयं को सबके सामने उज़ागर नहीं करना चाहते। उन साथियों को भी प्रोत्साहित करने की जरूरत है, जिन्हें एक बार सम्मानित कर दिया जाय तो बार- बार उन्हीं का नाम ऊपर लाकर प्रोत्साहित करते रहने से बाकी के साथी हतोत्साहित भी हो जाते हैं। इसलिए कार्य करने वाले प्रत्येक शिक्षक का मनोबल बढ़ाने की जरूरत है, जिससे बेसिक शिक्षा का कायाकल्प किया जा सके और शिक्षा का उत्थान व शिक्षक का सम्मान उद्देश्य की प्राप्ति हो सके।
संकलन एवं सहयोग
बबलू सोनी
टीम मिशन शिक्षण संवाद।
नोट: मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बन्धित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail. com पर भेज सकते हैं।
विमल कुमार
मिशन शिक्षण संवाद
07-12-2019
💁🏻♂ साथियों आज हम मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से आपका परिचय जनपद- फ़तेहपुर के विकास खण्ड हथगाम के अनमोल रत्न शिक्षक साथी श्री राम प्रसाद पाल जी से करा रहे हैं, जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से विद्यालय की दिशा और दशा में परिवर्तन कर दी है। जहाँ उपस्थिति के नाम पर विद्यालय का परिसर बच्चों के बिना नीरस एवं उदास रहता था वहीं आज विद्यालय प्रांगण बच्चों की मनमोहक उपस्थिति से सुसज्जित विद्यालय होने के गौरव से गौरवान्वित रहता है।
💁🏻♂ आइये देखते हैं आपके द्वारा किये गए सकारात्मक प्रयासों को:-
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राम प्रसाद सहायक अध्यापक
कम्पोजिट स्कूल अहिन्दा, हथगाम, फ़तेहपुर
प्रथम नियुक्ति- 19/08/2014
वर्तमान विद्यालय मे नियुक्ति- 24/04/2018
👉2. विद्यालय की समस्याएँ:-
👉🏻 पेयजल की समस्या
👉🏻 वृक्षारोपण के नाम और मात्र एक वृक्ष।
👉🏻विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति बहुत कम रहती थी।
👉🏻 विद्यालय प्रांगण में जलभराव की स्थिति थी। जो कक्षा- कक्ष को भी प्रभावित करता था।
👉🏻 प्रार्थना सभा मात्र औपचारिकता ही थी।
👉3. विद्यालय की समस्याओं का समाधान:-
👉🏻जल है तो कल है, अर्थात विद्यालय में जल संकट की समस्या पर सबसे पहले कार्य किया गया। विद्यालय में पेयजल के संकट का निराकरण करने के लिए प्राथमिक के प्रभारी श्री कुलदीप सिंह, पू०मा० की प्रभारी शाहीन ज़माल और ग्राम प्रधान की सहायता से एक सबमर्सिबल लगवाया गया और दोनों विद्यालय की छतों में पानी की टंकी रखवाई गयी।
👉🏻वृक्षारोपण हेतु वृक्ष लगाने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा का पूर्ण प्रबन्ध किया गया इस कवायद से पूरा प्रांगण हरा-भरा लगने लगा।
👉🏻ग्राम प्रधान जी से बात करके चौदवें वित्त आयोग से टाइल्स आदि लगवाई गयीं।
👉🏻बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए प्रार्थना सभा में विभिन्न प्रकार की गतिविधियाँ कराने की शुरुआत की गई। साथ ही संगीत के माध्यम से प्रार्थना होने लगी, इससे बच्चों की उपस्थिति में वृद्धि हुई। इसके बाद भी न आने वाले बच्चों के अभिभावकों से सम्पर्क किया गया और बच्चों को विद्यालय भेजने हेतु प्रेरित किया गया।
👉🏻 विद्यालय प्रांगण में जलभराव से निज़ात पाने के लिए जल निकास की समुचित व्यवस्था की गयी, जिससे कक्षा-कक्ष सुरक्षित हुए और मुश्किलें भी कम हुईं।
👉4. विद्यालय में सामाजिक, सांस्कृतिक एवं खेलकूद आदि के माध्यम से विद्यालय में शिक्षण कार्य को रुचिकर बनाने के लिए गतिविधि आधारित शिक्षण कार्य शुरू किया गया। समय-समय पर संगीत के माध्यम से कविता पाठ कराया जाने लगा, जिससे बच्चे बहुत ही रुचि लेने लगे और जो बच्चा आने से कतराता था, वह भी आने लगा। इन सब प्रयासों से बच्चों की उपस्थिति लगभग 90% तक पहुंच गई। इन सभी कार्यों में प्राथमिक के हेड कुलदीप सिंह जी का भरपूर सहयोग मिला।
बच्चों को प्रतिदिन नवीन गतिविधि, योगाभ्यास, अन्तिम एक घण्टे में विभिन्न खेल, जैसे: खो-खो, कबड्डी आदि, कार्य किया जाने लगा। शिक्षण कार्य में कुलदीप सिंह जी, मुदिता दुबे जी, सुभाष सिंह जी और समस्त स्टाफ़ की सहभागिता बराबर रहती है। विभिन्न राष्ट्रीय पर्वों यथा-15 अगस्त, 26 जनवरी आदि को बड़े स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
👉5. बच्चों का नामांकन:-
वर्तमान में नामांकन
प्राथमिक में- 217
पू०मा० में -177
कुल नामांकन- 394
उपस्थिति लगभग- 90% रहती है।
बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए, माह में शतप्रतिशत उपस्थिति वाले बच्चों को स्टार ऑफ़ द मंथ से पुरस्कृत किया जाता है। इससे बच्चों के उत्साह में वृद्धि के परिणाम स्वरूप विद्यालय की उपस्थिति में वृद्धि होती है। विद्यालय में लखनऊ की एक टीम द्वारा विज्ञान प्रदर्शनी लगवाई गयी, जिससे बच्चों में विज्ञान में रुचि की वृद्धि हुई।
👉6. शिक्षक और विद्यालय की उपलब्धि:-
विद्यालय में बाल संसद का गठन किया गया और चार हाउस- गंगा, गोमती, कृष्णा, कावेरी में विभाजित किया गया। इसके साथ बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना का विकास किया गया। विद्यालय को उत्कृष्ट विद्यालय को उपाधि मिली साथ में मुझे भी जिलाधिकारी महोदय द्वारा 03 जनवरी- 2019 को सम्मानित किया गया।
👉7. मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश:-
वैसे तो सभी शिक्षक अपनी योग्यता और क्षमता के अनुसार मेहनत करके सर्वाधिक सर्वोच्च ज्ञान देने का प्रयास करते हैं, बच्चों का भविष्य बनाते हैं। लेकिन मिशन शिक्षण संवाद से शिक्षक एक दूसरे से सीखते हुए बच्चों को बेहतर ज्ञान प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। इससे बेसिक शिक्षा में बेशुमार परिवर्तन हुआ है। मेरा ये सुझाव है कि यदि हम किसी भी कार्य को अपना स्वयं का कार्य समझते हैं तो कार्य अधिक बेहतर होता है। जब हम विद्यालय को अपना विद्यालय और बच्चों को अपने बच्चे समझकर कार्य करें तो कार्य करने का नज़रिया बदल जाता है और परिणाम ज्यादा बेहतर प्राप्त होते हैं। हमें कर्म करना चाहिए और फ़ल की इच्छा नहीं करनी चाहिए। जब से मैं नेवी से सेवानिवृत्त होकर शिक्षक के पेशे में आया हूँ। अपने को भग्यशाली समझता हूँ कि मुझे बच्चों के मनोबल और आत्मबल बढ़ाने का ये महत्वपूर्ण कार्य मिला है और मैं इस कार्य को पूरी तन्मयता से कर रहा हूँ।
साथ ही मेरे बहुत से ऐसे शिक्षक साथी भी हैं, जो अपने कार्य को पूरे मनोयोग से कर रहे हैं, लेकिन स्वयं को सबके सामने उज़ागर नहीं करना चाहते। उन साथियों को भी प्रोत्साहित करने की जरूरत है, जिन्हें एक बार सम्मानित कर दिया जाय तो बार- बार उन्हीं का नाम ऊपर लाकर प्रोत्साहित करते रहने से बाकी के साथी हतोत्साहित भी हो जाते हैं। इसलिए कार्य करने वाले प्रत्येक शिक्षक का मनोबल बढ़ाने की जरूरत है, जिससे बेसिक शिक्षा का कायाकल्प किया जा सके और शिक्षा का उत्थान व शिक्षक का सम्मान उद्देश्य की प्राप्ति हो सके।
संकलन एवं सहयोग
बबलू सोनी
टीम मिशन शिक्षण संवाद।
नोट: मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बन्धित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail. com पर भेज सकते हैं।
विमल कुमार
मिशन शिक्षण संवाद
07-12-2019
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