३९२~ रेखा बोरा प्रधानाध्यापिका, रा०प्रा०वि० मौन पोखरी, ब्लाक/ जिला--चम्पावत, उत्तराखण्ड
🏅अनमोल रत्न🏅
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से देवभूमि उत्तराखंड से अनमोल रत्न शिक्षिका बहन रेखा बोरा जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से अपने विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है एवं शिक्षा के प्रति समाज को जागरूक बना दिया। जो हम सभी के लिए प्रेरक और अनुकरणीय है।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2505340593076856&id=1598220847122173
👉1- नाम व पद:- रेखा बोरा प्रधानाध्यापिका, रा०प्रा०वि० मौन पोखरी, ब्लाक/ जिला--चम्पावत,
उत्तराखण्ड
नियुक्ति- 2005
👉2- विद्यालय की समस्याएं:-
विद्यालय भवन, परिवेश का रख रखाव ना होना। बच्चों की उपस्थिति अनियमित पढ़ाई के प्रति बच्चों का लगाव कम होना। स्वच्छता के प्रति जागरूकता की कमी। शौचालय का प्रयोग ना करना। एस.एम.सी. की बैठकों में सदस्यों की उपस्थिति न्यून।
बालिका शिक्षा की ओर, अभिभावकों की उदासीनता।
बच्चो में आगे आने व अपनी बात रखने में झिझक।
👉3- समस्याओं के समाधान के प्रयास:-
👉 विद्यालय को बाला विद्यालय में के रूप में विकसित किया।
👉विद्यालय सौंदर्यीकरण हेतु प्रत्येक कक्षा-कक्ष एवं बाहर की दीवारों को शिक्षण सामग्री से पेंट किया गया।
👉परिसर में चारों ओर पोधे व विभिन्न प्रजातियों के पेड़ों का रोपण किया गया है। विद्यालय की सुरक्षा दीवार हेतु सांसद निधि से 3.40 लाख रु की धनराशि स्वीकृत करवाई गई।
👉बच्चों की उपस्थिति नियमित करने हेतु अभिभावकों से संपर्क छात्र के ना आने पर फोन द्वारा ना आने का कारण पूछना। जिससे धीरे - धीरे बच्चों की, साथ ही बालिकाओं की उपस्थिति में सुधार हुआ।
बालिकाओं की शिक्षा की ओर ध्यान दिया जाने लगा है। अब बालिकाएं 12 वीं के बाद भी आगे पड़ रही हैं।
👉विद्यालय में बच्चों के साथ सौहार्द पूर्ण तरीकों से बातचीत, खुद करके सीखने के मौके दिए गए।
👉बच्चों की नियमित स्वच्छता की जांच, हाथ धोने के तरीकों को, अपने आस-पास परिवेश, कक्षा की स्वच्छता को इनके व्यवहार में लाया गया।
👉स्वजल, ब्लॉक आदि से मिलने वाले शौचालयों की जानकारी अभिभावकों को दी गईं एवं उनकेे साथ बच्चों को भी शौचालय के प्रयोग के लिए प्रेरित किया गया। जिससे अधिकांश परिवारों के पास शौचालय है।
👉अभिभावकों से जुड़ने हेतु ग्राम में विवाह, नामकरण, पूजा आदि उनके कार्यक्रमों में शामिल होकर उन्हें विद्यालय से जुड़ाव हेतु प्रेरित किया। आज वह विद्यालय के हर कार्यक्रम में प्रतिभाग करते है।
👉प्रत्येक एस.एम.सी. की बैठकों में उपस्थित रहते हैं।
छात्रों की झिझक दूर करने हेतु विद्यालय में विभिन्न प्रतियोगिताएं एवं गतिविधियां करवाई जाती हैं जिससे आज बच्चें बेझिझक आगे आते है।
👉4- विद्यालय की प्रेरक शिक्षण गतिविधियाँ:-
👉 बाल शोध मेला
👉 वार्षिकोत्सव
👉 उपचारात्मक शिक्षण
👉 दीवार पत्रिका
👉 विषयनुसार टी.एल.एम. का निर्माण।
👉 बालिका शिक्षा हेतु ऐपड़, मेहंदी, पेंटिंग, जन्मदिवस मनाया जाता है।
👉 प्रतिदिन स्वच्छता जांच
👉 नियमित योग, दैनिक विचार, दैनिक प्रतियोगिता का अभ्यास।
👉 खेल गतिविधियों को बढ़ावा देना।
👉 प्रतिदिन पुस्तकालय का प्रयोग।
👉 कक्षा-3 से कक्षा-5 तक प्रत्येक बच्चे को डायरी लेखन का अभ्यास।
👉 नामांकन में वृद्धि - सेवित असेवित क्षेत्रों के बच्चों का नामांकन विद्यालय में हैं पिछले तीन वर्षों से नामांकन:-
सत्र- 17-18 - 31
सत्र- 18-19 - 31
सत्र- 19-20 - 34
👉5- विद्यालय व बच्चों की उपलब्धियां:-
👉 क्रीड़ा रैली में चित्रकला समूह नृत्य, इंग्लिश कविता में बच्चों को प्रथम एवम् द्वितीय स्थान।
टी०एल०एम० प्रतियोगिता में जिले का प्रथम स्थान।
बाल शोध मेले में जिले में द्वितीय स्थान।
सपनों की उड़ान कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक, चित्रकला, कविता पाठ, समूह नृत्य में ब्लॉक, जिला स्तर का स्थान प्राप्त।
2019 क्रीड़ा प्रतियोगिता में 50 मी.200 मी. 400 मी. दौड़, लंबी कूद एवं कबड्डी कि टीम में राज्य स्तर तक प्रतिभाग किया।
6- शिक्षक और विद्यालय परिवार की उपलब्धियाँ:-
👉 स्वच्छता हेतु जागरूकता से 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जी द्वारा जिले का प्रथम स्वच्छता पुरस्कार विद्यालय को प्राप्त हुआ।
👉216-17 का उत्कृष्ट शिक्षक का पुरस्कार प्राप्त।
👉 छात्रों को सीआरसी, बीआरसी और जिले की विभिन्न प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त।
👉मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा 2017-18 का जिला लेबल का स्वच्छता पुरस्कार विद्यालय को प्राप्त हुआ।
👉 2018 में गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड दिया गया है।
👉7- मिशन शिक्षण संवाद परिवार के लिए सन्देश:-
हम मिशन शिक्षण संवाद के शिक्षक हर शिक्षक में जोश भर देंगे।
हाथों में हाथ लेकर एक बदलाव लाएंगे।।
कामयाबी की एक अलख
जगाएंगे।
हिम्मत, जोश, दृढ़ इरादों से हर बच्चे को एक मंजिल तक पहुंचाएंगे।।
👉8- शिक्षक समाज के लिए सुझाव व संदेश:-
अपनाकर शिक्षा में नूतन तरीके उन्नत बनाओ अपना देश।
आपके व्यवहार से पहुँचे ना बाल हृदय को किंचित ठेस।।
आपकी मेहनत से बदले विद्यालय का परिवेश।
सभी शिक्षकों को देती मैं यही संदेश।
साभार-शंकर सिंह अधिकारी
📝 संकलन, सहयोग व प्रेरणा के लिए मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से उत्तराखंड प्रभारी लक्ष्मण सिंह मेहता का आभार व धन्यवाद।
नोट: मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बन्धित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail. com पर भेज सकते हैं।
सादर:
विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
08-12-2019
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2505340593076856&id=1598220847122173
👉1- नाम व पद:- रेखा बोरा प्रधानाध्यापिका, रा०प्रा०वि० मौन पोखरी, ब्लाक/ जिला--चम्पावत,
उत्तराखण्ड
नियुक्ति- 2005
👉2- विद्यालय की समस्याएं:-
विद्यालय भवन, परिवेश का रख रखाव ना होना। बच्चों की उपस्थिति अनियमित पढ़ाई के प्रति बच्चों का लगाव कम होना। स्वच्छता के प्रति जागरूकता की कमी। शौचालय का प्रयोग ना करना। एस.एम.सी. की बैठकों में सदस्यों की उपस्थिति न्यून।
बालिका शिक्षा की ओर, अभिभावकों की उदासीनता।
बच्चो में आगे आने व अपनी बात रखने में झिझक।
👉3- समस्याओं के समाधान के प्रयास:-
👉 विद्यालय को बाला विद्यालय में के रूप में विकसित किया।
👉विद्यालय सौंदर्यीकरण हेतु प्रत्येक कक्षा-कक्ष एवं बाहर की दीवारों को शिक्षण सामग्री से पेंट किया गया।
👉परिसर में चारों ओर पोधे व विभिन्न प्रजातियों के पेड़ों का रोपण किया गया है। विद्यालय की सुरक्षा दीवार हेतु सांसद निधि से 3.40 लाख रु की धनराशि स्वीकृत करवाई गई।
👉बच्चों की उपस्थिति नियमित करने हेतु अभिभावकों से संपर्क छात्र के ना आने पर फोन द्वारा ना आने का कारण पूछना। जिससे धीरे - धीरे बच्चों की, साथ ही बालिकाओं की उपस्थिति में सुधार हुआ।
बालिकाओं की शिक्षा की ओर ध्यान दिया जाने लगा है। अब बालिकाएं 12 वीं के बाद भी आगे पड़ रही हैं।
👉विद्यालय में बच्चों के साथ सौहार्द पूर्ण तरीकों से बातचीत, खुद करके सीखने के मौके दिए गए।
👉बच्चों की नियमित स्वच्छता की जांच, हाथ धोने के तरीकों को, अपने आस-पास परिवेश, कक्षा की स्वच्छता को इनके व्यवहार में लाया गया।
👉स्वजल, ब्लॉक आदि से मिलने वाले शौचालयों की जानकारी अभिभावकों को दी गईं एवं उनकेे साथ बच्चों को भी शौचालय के प्रयोग के लिए प्रेरित किया गया। जिससे अधिकांश परिवारों के पास शौचालय है।
👉अभिभावकों से जुड़ने हेतु ग्राम में विवाह, नामकरण, पूजा आदि उनके कार्यक्रमों में शामिल होकर उन्हें विद्यालय से जुड़ाव हेतु प्रेरित किया। आज वह विद्यालय के हर कार्यक्रम में प्रतिभाग करते है।
👉प्रत्येक एस.एम.सी. की बैठकों में उपस्थित रहते हैं।
छात्रों की झिझक दूर करने हेतु विद्यालय में विभिन्न प्रतियोगिताएं एवं गतिविधियां करवाई जाती हैं जिससे आज बच्चें बेझिझक आगे आते है।
👉4- विद्यालय की प्रेरक शिक्षण गतिविधियाँ:-
👉 बाल शोध मेला
👉 वार्षिकोत्सव
👉 उपचारात्मक शिक्षण
👉 दीवार पत्रिका
👉 विषयनुसार टी.एल.एम. का निर्माण।
👉 बालिका शिक्षा हेतु ऐपड़, मेहंदी, पेंटिंग, जन्मदिवस मनाया जाता है।
👉 प्रतिदिन स्वच्छता जांच
👉 नियमित योग, दैनिक विचार, दैनिक प्रतियोगिता का अभ्यास।
👉 खेल गतिविधियों को बढ़ावा देना।
👉 प्रतिदिन पुस्तकालय का प्रयोग।
👉 कक्षा-3 से कक्षा-5 तक प्रत्येक बच्चे को डायरी लेखन का अभ्यास।
👉 नामांकन में वृद्धि - सेवित असेवित क्षेत्रों के बच्चों का नामांकन विद्यालय में हैं पिछले तीन वर्षों से नामांकन:-
सत्र- 17-18 - 31
सत्र- 18-19 - 31
सत्र- 19-20 - 34
👉5- विद्यालय व बच्चों की उपलब्धियां:-
👉 क्रीड़ा रैली में चित्रकला समूह नृत्य, इंग्लिश कविता में बच्चों को प्रथम एवम् द्वितीय स्थान।
टी०एल०एम० प्रतियोगिता में जिले का प्रथम स्थान।
बाल शोध मेले में जिले में द्वितीय स्थान।
सपनों की उड़ान कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक, चित्रकला, कविता पाठ, समूह नृत्य में ब्लॉक, जिला स्तर का स्थान प्राप्त।
2019 क्रीड़ा प्रतियोगिता में 50 मी.200 मी. 400 मी. दौड़, लंबी कूद एवं कबड्डी कि टीम में राज्य स्तर तक प्रतिभाग किया।
6- शिक्षक और विद्यालय परिवार की उपलब्धियाँ:-
👉 स्वच्छता हेतु जागरूकता से 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जी द्वारा जिले का प्रथम स्वच्छता पुरस्कार विद्यालय को प्राप्त हुआ।
👉216-17 का उत्कृष्ट शिक्षक का पुरस्कार प्राप्त।
👉 छात्रों को सीआरसी, बीआरसी और जिले की विभिन्न प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त।
👉मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा 2017-18 का जिला लेबल का स्वच्छता पुरस्कार विद्यालय को प्राप्त हुआ।
👉 2018 में गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड दिया गया है।
👉7- मिशन शिक्षण संवाद परिवार के लिए सन्देश:-
हम मिशन शिक्षण संवाद के शिक्षक हर शिक्षक में जोश भर देंगे।
हाथों में हाथ लेकर एक बदलाव लाएंगे।।
कामयाबी की एक अलख
जगाएंगे।
हिम्मत, जोश, दृढ़ इरादों से हर बच्चे को एक मंजिल तक पहुंचाएंगे।।
👉8- शिक्षक समाज के लिए सुझाव व संदेश:-
अपनाकर शिक्षा में नूतन तरीके उन्नत बनाओ अपना देश।
आपके व्यवहार से पहुँचे ना बाल हृदय को किंचित ठेस।।
आपकी मेहनत से बदले विद्यालय का परिवेश।
सभी शिक्षकों को देती मैं यही संदेश।
साभार-शंकर सिंह अधिकारी
📝 संकलन, सहयोग व प्रेरणा के लिए मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से उत्तराखंड प्रभारी लक्ष्मण सिंह मेहता का आभार व धन्यवाद।
नोट: मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बन्धित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail. com पर भेज सकते हैं।
सादर:
विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
08-12-2019
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