३९६~ राजेश कुमार पूर्व माध्यमिक विद्यालय रांकौली, नंदगांव, मथुरा, उत्तर प्रदेश

🏅अनमोल रत्न🏅

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- मथुरा से अनमोल रत्न शिक्षक साथी भाई राजेश कुमार जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से अति दुर्गम क्षेत्र के विद्यालय में बालिका शिक्षा को मजबूत बना कर, विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है जो हम सभी के लिए प्रेरक और अनुकरणीय है।

आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:

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👉1..शिक्षक का परिचय:-
राजेश कुमार
पूर्व माध्यमिक विद्यालय रांकौली,
नंदगांव, मथुरा, उत्तर प्रदेश

प्रथम नियुक्ति: 27/12/2005

👉2. विद्यालय की समस्याए:- मेरा विद्यालय जिले की अंतिम सीमा तथा राजस्थान की सीमा से लगा अंतिम एवं दुर्गम विद्यालय है यहाँ बच्चों कि पढ़ाई के प्रति लोगों का झुकाव बहुत कम है और यदि है भी तो केवल बेटों को पढ़ाने की विचारधारा बलबती है बेटियों को घर के काम अथवा छोटे भाई- बहिन की देखभाल के लिए रखा जाता है और यदि पढ़ाया भी जाता है तो केवल प्राइमरी स्तर तक ऐसी नकारात्मक विचारधारा बीच मैंने अपना कार्य शुरू किया। जन जागरूकता का प्रतिदिन 10-15 लोगों से मिलता और बेटियों को विद्यालय में विभिन्न आश्वासनों के साथ प्रवेश दिलाने का आग्रह करता रहा, आखिर कुछ लोगों ने मेरे विशेष आग्रह पर बेटियों को विद्यालय में प्रवेश दिलाया। मैंने अपने कार्यक्रम को निरंतर जारी रखा। इसके सार्थक परिणाम यह हुए की कुछ दिनों में संख्या 37 से 58 हो गई।

👉3- विद्यालय की समस्याओं का समाधान:-
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
अध्यापक के रूप में मेरी यात्रा की शुरुआत 27 दिसंबर 2005 को सहायक अध्यापक के रूप में प्राथमिक विद्यालय मनीगढ़ी विकास क्षेत्र नौझील मथुरा से हुई। कार्य के प्रति निष्ठा की प्रेरणा मुझे मेरे पिताजी से मिली उन्होंने सीख दी थी। यदि अपने विद्यार्थियों को पूर्ण मनोयोग से पढ़ाओगे तो आपके अपने बच्चे को भी कोई अच्छी तरह से पढ़ाएगा। उनके मार्गदर्शन रूपी पथ पर चलकर मैंने अपने बच्चों को पूरी लगन से पढ़ाना शुरू किया। जब मैं विद्यालय में पहुंचा तो वहाँ छात्र संख्या 47 थी मेरे और एक मेरे साथी के सार्थक प्रयासों से अगले वर्ष में छात्र संख्या 72 हो गई।
उसके बाद मेरा पदस्थापन प्राथमिक विद्यालय नगला बलजीत, विकास खंड-फरह नवीन स्वीकृत विद्यालय में हो गया। जब मैं वहाँ पहुँचा तो वहाँ विद्यालय निर्माणाधीन था।जुलाई का महीना था मैंने सोचा यदि अब बच्चों को एकत्रित नहीं किया तो बच्चे नहीं मिलेंगे इसलिए मैंने गांव के एक घर की टीन शेड में ही 10 बच्चों को लेकर पढ़ाना शुरू कर दिया। सितम्बर तक बच्चों की संख्या 27 हो गयी और अगले सत्र में जब मेरी पदोन्नति हुई तब विद्यालय में बच्चों की संख्या 48 थी।वर्तमान में मैं पूर्व माध्यमिक विद्यालय नंदगांव, मथुरा (संविलियत) में हूँ यहाँ मेरा पदस्थापन इ.प्र.अ.के रूप में 2015 में हुआ। यह गाँव दुर्गम एवं राजस्थान की सीमा पर स्थित ब्लॉक का अंतिम विद्यालय है। यहाँ मैंने अनुभव किया कि गांव में बालिकाओं को पढ़ाने के प्रति लोगों का बिल्कुल रुझान नहीं था वे अक्सर बालिकाओं को पांचवीं के बाद या तो शादी कर देते थे अथवा उन्हें घर बिठा लेते थे मैंने घर घर जाकर बालिकाओं को पढ़ाने के लोगो को जाग्रत करना शुरु किया हालांकि मुझे बहुत विरोध सहन करना पड़ा पर कुछ लोगों पर इसका प्रभाव हुआ उन्होंने बालिकाओं को विद्यालय भेजना शुरु किया धीरे-धीरे ऐसा चमत्कारित प्रभाव हुआ की अगले वर्ष बच्चों की संख्या 58 हो गई जिसमें बालिकाओं की संख्या 37 थी कई बालिकाओं में कबड्डी के प्रति मैंने गजब का उत्साह देखा फिर मैंने उन्हे खेल में आगे बढ़ाया जिसका परिणाम यह हुआ मेरे विद्यालय की बालिकाओं ने अब तक हर बार मंडल स्तर तक प्रतिभाग किया है। एक बालिका ने तो राज्य स्तर पर भी प्रति भाग किया।
पर कोई नहीं मुझे तो मेरा काम भली भांति और पूर्ण लगन से करना है और मेरा काम किसी पुरस्कार का मोहताज नहीं मेरा पुरस्कार तो मेरे विद्यालय के बच्चे है यदि मै उन्हें कुछ बना पाया तो यही मेरे पुरस्कार होगा।






👉4 - विद्यालय की प्रेरक शिक्षण, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं खेलकूद गतिविधियाँ:-
🥀1. विद्यालय में बच्चों के विज्ञान शिक्षण हेतु सुसज्जित प्रयोगशाला विकसित की है।
🥀2. विद्यालय में एक स्मार्ट कक्षा कक्ष का विकास किया गया है जिसमें बच्चों को प्रोजेक्टर के माध्यम से शिक्षण कराया जाता है इसके सुसज्जित मीना मंच कॉर्नर बनाया है।
🥀3. पुस्तकालय कक्ष को भी भलीभांति विकसित किया गया है।
🥀4. संगीतमय प्रार्थना सत्र विशेष आकर्षक बिंदु है

👉5- विद्यालय और बच्चों की
उपलब्धि:-
A- उपस्थिति: 85 से 90 प्रतिशत
B- पुरस्कार विवरण:- दौड़ में राज्य स्तर, कई बार जिला एवं मंडल स्तर पर कबड्डी ओर खो में पदक प्राप्त किए।
👉6 - शिक्षक और विद्यालय की उपलब्धियां:- ब्लॉक स्तरीय सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में कुमारी अनेक ने भाग लिया तथा प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा इस बार कुमारी सखी और कुमारी मनीषा ने द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया।

A- नवाचार: शून्य निवेश नवाचार के अंतर्गत खेल-खेल में पत्तिओं के माध्यम से अंक सीखने का नवाचार किया। जिसके लिए ZEII के सम्मानित किया गया।
B- पुरस्कार: - विद्यालय का सौंदर्यीकरण करन से प्रभावित होकर जनपद स्तर पर प्राचार्य डायट द्वारा बेस्ट एफर्ट मेकर के पुरस्कार से नवाजा गया, अगले सत्र में जिलाधिकारी द्वारा मेरे विद्यालय को आदर्श विद्यालय का खिताब दिया गया। सत्र- 2017 में श्रीमान मुख्य विकास अधिकारी मथुरा द्वारा एक ट्रस्ट द्वारा प्रदत्त प्रोजेक्टर देकर मुझे सम्मानित किया गया। इससे तो मेरे विद्यालय में चार चांद लग गए अब तो बच्चों का आकर्षण और बढ़ गया। मैने विद्यालय में एक प्रयोगशाला स्थापित कि और एक स्मार्ट कक्षा-कक्ष बनाया जहाँ बच्चों को प्रोजेक्टर के माध्यम से शिक्षा देना आरंभ कर दिया। मेरे विद्यालय में किए गए कार्यों से प्रभावित होकर प्राचार्य डायट श्री मुकेश अग्रवाल ने मुझे सांस्कृतिक स्रोत प्रशिक्षण हेतु गोवाहटी, आसाम भेजा। यह 22 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण था।
विद्यालय में गुणवत्ता संवर्धन एवं बालिका शिक्षा प्रेरणा हेतु श्रीमान निदेशक बेसिक शिक्षा द्वारा राज्य स्तरीय उत्कृष्ट अध्यापक पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया। यह मेरे लिए बड़े गौरव का विषय है। इसके पश्चात मेरे विद्यालय का भ्रमण श्रीमान खंड विकास अधिकारी ने किया और विद्यालय व्यवस्था की प्रशंसा की। इसके बाद मुझे आदर्श संस्कार शाला द्वारा शिक्षा रत्न से सम्मानित किया गया। इसके अलावा शून्य निवेश नवाचार के लिए मुझे ZIIEI द्वारा शिक्षक नवाचार अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।









👉7 - मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश: मिशन शिक्षण संवाद मुहिम के अंतर्गत कार्यरत सभी सेवा भावी भाई बहिनों को हृदय से धन्यवाद देता हूँ। क्योंकि आपकी इस मुहिम से हजारों शिक्षक भाई-बहन लाभान्वित हो रहे है।

👉8 - शिक्षक समाज के लिए संदेश:- सभी शिक्षकों को यह संदेश देना चाहूंगा की हम सभी को परमात्मा ने विद्या दान करने का पुनीत कार्य सौंपा है हमें यह कार्य पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ करना चाहिए।

संकलन - - -
डाॅ अनीता मुदगल
टीम मिशन संवाद मथुरा

नोट: मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बन्धित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail. com पर भेज सकते हैं।
सादर:
विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
26-12-2019

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