३९०~ विनय कुमार प्रधानाध्यापक, प्राथमिक विद्यालय पुर्वा खगन, विकासखण्ड - सहार, जनपद- औरैया (उ. प्र.)

        🏅अनमोल रत्न🏅

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- औरैया से अनमोल रत्न शिक्षक भाई विनय कुमार जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता के साथ अनेकों प्रतिकूल परिस्थितियों को अनुकूल बनाकर विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है जो हम सभी के लिए अनुकरणीय एवं प्रेरक प्रयास हैं।

आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-

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👉1..शिक्षक का परिचय:- मैं विनय कुमार प्रधानाध्यापक, प्राथमिक विद्यालय पुर्वा खगन, विकासखण्ड - सहार, जनपद- औरैया (उ. प्र.)

मेरी प्रथम नियुक्ति 14 फरवरी 2009 को प्राथमिक विद्यालय पुर्वा हेमा, विकासखण्ड- सहार, जनपद- औरैया में हुई थी।

वर्तमान विद्यालय में नियुक्त: पांच वर्ष की सेवा उपरान्त 14 दिसम्बर 2014 को प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति पाकर कार्यभार ग्रहण करने के अवसर मिला।

👉2- तत्समय विद्यालय की समस्याएं:-
▪️सबसे बड़ी समस्या गेट विहीन विद्यालय जहां प्रांगण में गांव के अधिकांश लोग अपने पशुओं को बांधना शान समझते थे।
▪जगह होने के बाबजूद खेल के मैदान की कमी।
▪टूटे फर्श
▪आबादी के अनुरूप कम छात्र नामांकन, न्यून उपस्थिति एवं ठहराव।
▪अच्छे शैक्षिक परिवेश की कमी।

👉 3- विद्यालय की समस्याओं का समाधान:-
A - स्वयं के प्रयास से:
गांव के लोगों को शिक्षा व विद्यालय का महत्व बतााकर जानवर न बांधने की अपील और कुछ लोगों के विरोध के बाबजूद सर्वप्रथम विद्यालय रखरखाव मद से विद्यालय सुरक्षा हेतु गेट लगवाया व कक्षाकक्षों के फर्शों की मरम्मत करायी।
B - अन्य शिक्षकों के सहयोग से:
शिक्षा के साथ बच्चों के शारीरिक विकास को ध्यान में रखते हुए सहायक अध्यापक श्री रामानन्द जी के सहयोग से निजी व्यय पर मैदान का निर्माण कराया।
C - जनप्रतिनिधि का सहयोग से:
विद्यालय व्यवस्था के बेहतर संचालन हेतु ग्राम प्रधान द्वारा समय- समय पर नामांकन रैली, आयोजित बैठकों, एमडीएम, राष्ट्रीय पर्वों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सहयोग दिया जाता रहा।
D - जो ग्रामीण पहले विद्यालय परिसर में जानवर बांधे रखते थे आज सम्मान के भाव के साथ श्रम व समय देकर विद्यालय को अपना सहयोग भी देने लगे हैं।

👉4 - विद्यालय की प्रेरक शिक्षण, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं खेलकूद गतिविधियाँ:-
▪विद्यालय में नियुक्त शिक्षकों श्री रामानन्द (स.अ.) व श्री सन्तोष दुबे (शि.मि.) के साथ समन्वय बनाकर समस्त छात्रों को उनके स्तर अनुसार तीन समूहों में बांटकर लगन के साथ शिक्षण करते रहने से विद्यालय परिवार 50% से अधिक बच्चों को पाठ्यक्रम स्तर तक लाने में सफल हुआ।
▪छात्रों के स्वाध्याय में निरन्तरता बनाये रखने एवं छात्रों के मध्य प्रतिस्पर्धा जाग्रत करने हेतु स्वयं प्रथमत: शिक्षण कार्य में जुटकर एवं सहयोगी शिक्षकों द्वारा अमूल्य सहयोग मिलने से आशानुरूप परिणाम प्राप्त करने में सफलता मिली।

👉5- विद्यालय और विद्यार्थियों की उपलब्धि:-
A- नामांकन विवरण: पदभार ग्रहण करने के साथ ही अभिभावकों से सम्पर्क कर बेहतर शिक्षा का विश्वास दिलाते हुए नामांकन कराया। जिससे लगातार बढ़ते हुए सत्र
2017- 18 में 76,
2018- 19 में 91 व वर्तमान सत्र 2019- 20 में 123 छात्र संख्या हो गई।


▪ वर्तमान सत्र में छात्र संख्या और छात्रों के शैक्षिक स्तर में प्रगति के फलस्वरूप विद्यालय का चयन जिला शिक्षा समिति द्वारा इंग्लिश मीडियम के लिए किया जा चुका है।
B- उपस्थिति:
निरन्तर अभिभावक संपर्क के साथ विद्यालय का शैक्षिक परिवेश प्रतिस्पर्धी बनाने से उपस्थित में वृद्धि हुई। वर्तमान में औसत छात्र उपस्थिति लगभग 85% से अधिक रहती है।
C - वर्तमान समय में विद्यालय के 50% से अधिक छात्र कक्षास्तरानुसार छात्र सम्प्राप्ति में सफल रहे।
D - विद्यार्थियों की अन्य उपलब्धियाँ:
वर्तमान सत्र में आयोजित जनपद स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में दौड़ में द्वितीय व तृतीय स्थान और ब्लाक स्तर पर कबड़ी, दौड़ व लम्बी कूद में क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया।

👉 6 - शिक्षकों और विद्यालय की उपलब्धियां:-
A- शिक्षकों के नवाचारों का विवरण:-
बच्चों को उनके पाठ्यक्रम स्तर पर लाने हेतु कक्षा 1 व 2 का अलग समूह एवं कक्षा 3, 4 व 5 के बच्चों को उनके शैक्षिक स्तर के आधार पर दो समूहों में बांटकर निरन्तर अभ्यास से शैक्षिक सम्प्राप्ति का अच्छा परिणाम मिला। जो विद्यालय के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।

B- शिक्षकों के विभिन्न सम्मानों का विवरण:
▪11 जनवरी- 2019 को जनपद स्तरीय शैक्षिक गुणवत्ता कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा सम्मानित किया गया।
▪जनपदीय खेलकूद आयोजन में विशेष सहयोग हेतु जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रशस्ति पत्र प्राप्त हुआ।

👉7 - मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश:
मिशन शिक्षण संवाद द्वारा शिक्षा का उत्थान, शिक्षक का सम्मान के साथ बेसिक शिक्षा की सकारात्मकता को जन-जन तक पहुंचाने के प्रयास की पहल बेहद सराहनीय है। ये हम समस्त शिक्षकों का मिशन हो।

👉8 - शिक्षक समाज के लिए संदेश:-
हमारा कर्म ही हमारा धर्म है, इस बात को ध्यान में रखकर हम अपने शिक्षण से लगाव रखें क्योंकि बच्चों का शैक्षिक स्तर ही हमारे प्रयासों का परिणाम होता है।

👉9 - संकलन एवं सहयोग:
ज्ञान प्रकाश
टीम मिशन शिक्षण संवाद

नोट: मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बन्धित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail. com पर भेज सकते हैं।
सादर:
विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
01-12-2019

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